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नई दिल्ली.दुकान से लेकर घर के सामने बुरी नजर से बचने के लिए नींबू-मिर्च लटकाने की प्रथा लंबे समय से चली आ रही है। लेकिन आसामान छूती महंगाई की नजर इस बार नींबू-मिर्च को भी लग गई है। दरअसल, एक माह पहले आसानी से 70 से 80 रुपए प्रति किलो मिलने वाला नींबू 200 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है। वहीं, मिर्च का भाव एक माह पहले 40 से 50 रुपए बढ़कर 160 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है।

गरीबों का हमदर्द आलू भी इस बार रुलाने को तैयार है। लेकिन प्याज के दाम में इस साल राहत मिलने की उम्मीद है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2021-22 में बागवानी फसलों (हॉर्टिकल्चर) का रकबा बढ़कर 275.6 लाख हेक्टेयर हो गया, आलू: दाम बढ़ने की आशंका वहीं उत्पादन घटकर 3332.5 लाख टन रहने का अनुमान है जो पिछले वित्त वर्ष 3346 लाख टन था। इसका कारण आलू की पैदावार में आई 4.6% की गिरावट है।

प्याज: रकबा 18% बढ़ेगा

वित्त वर्ष 2022-23 के फसल वर्ष में प्याज का बुवाई क्षेत्र बढ़कर 19.1 लाख हेक्टेयर पर पहुंचने का अनुमान है जो 2021-22 में 16.2 लाख हेक्टेयर था। यानी प्याज का रकबा 18% बढ़ने का अनुमान है।

फल: उत्पादन बढ़ा

फलों के उत्पादन में बढ़ोतरी का वर्ष 2020-21 में 2004.5 लाख टन अनुमान है। 2019-20 में 1020.8 लाख टन फलों का उत्पादन हुआ था, जो 2020-21 में 1024.8 लाख टन और 2021-22 में 1029 लाख टन रहने का अनुमान है।

सब्जियां पैदावार घटीं

सब्जियों के उत्पादन का अनुमान है। वहीं, 2021-22 के दौरान यह 1999 लाख टन रह सकता है। मसाले, फूल, सुगंध और दवाओं वाले पौधों का उत्पादन घटा है।

अभी आलू का सीजन है, इसलिए यह किफायती दाम पर मिल रहा है, लेकिन आने वाले दिनों में आलू के भाव तेजी से ऊपर जा सकते हैं। वहीं महंगे प्याज से राहत मिल सकती है।

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