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जयपुर,राज्यसभा चुनाव में 3 सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद अब राज्य की गहलोत सरकार ने चुनाव की बाड़ेबंदी के दौरान अपने विधायकों से किए गए वादे पर अमल करने की कवायद शुरू कर दी है। नौकरशाहों पर लगाम लगाने की विधायकों की मांग पर सरकार में मंथन शुरू हो चुका है और इसके लिए नौकरशाही में बड़े स्तर पर तबादले की कवायद भी शुरू हो चुकी है। बड़ी बात यह भी है कि इस बार नौकरशाही के तबादलों में कांग्रेस और समर्थित विधायकों की जमकर चलेगी, उन्हीं के पसंद के अधिकारियों को एसपी और कलक्टर लगाया जाएगा।

विधायकों से मांगे गए थे नाम विश्वस्त सूत्रों की माने तो राज्यसभा चुनाव संपन्न होने के बाद विधायकों से उनकी पसंद के अधिकारियों के नाम मांगे गए थे, जिन्हें वे कलक्टर और एसपी लगवाना चाहते हैं। बकायदा कई विधायकों ने तो लिखित में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का अपनी पसंद के अधिकारियों के नाम भी दिए हैं।

सत्तारूढ़ कांग्रेस विधायकों के निशाने पर हैं एसपी-कलक्टर दरअसल सरकार में इन दिनों कांग्रेस और समर्थित विधायकों के निशाने पर जिलों के एसपी और कलेक्टर हैं। सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायकों का कहना है कि जिलों के एसपी और कलक्टर उनके फोन नहीं उठाते और न ही उनके कामों को अहमियत देते हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेहद करीबी माने जाने वाले 2 विधायकों ने तो अपने जिले के एसपी के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया था।

नौकरशाहों की कार्यशैली से असंतुष्ट विधायकों की नाराजगी आई थी बाहर वहीं नौकरशाहों की ओर से विधायकों को अहमियत नहीं देने और उनके कामों की अवहेलना करने से असंतुष्ट विधायकों ने राज्यसभा चुनाव के दौरान अपनी नाराजगी जाहिर की थी। नाराजगी के चलते कांग्रेस और कई समर्थित विधायक तो बाड़ेबंदी में ही नहीं पहुंचे थे। इसके बाद आनन-फानन में विधायकों को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुलाकर संतुष्ट करने का प्रयास किया था।

मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान भी विधायकों ने नौकरशाहों की कार्यशैली को लेकर सवाल खड़े किए थे। इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यसभा चुनाव के बाद उनकी पसंद के अधिकारियों को ही फील्ड पोस्टिंग देने का आश्वासन दिया था। मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद ही कांग्रेस और समर्थित विधायक राज्यसभा चुनाव की बाड़ेबंदी में पहुंचे और सरकार के पक्ष में मतदान किया था।

कई मंत्रियों की भी नहीं बैठ रहा अधिकारियों से तालमेल इधर सरकार के कई मंत्रियों की भी विभागों के अधिकारियों के साथ तालमेल नहीं बैठ पा रहा है। हाल ही में कई मंत्रियों ने भी कैबिनेट की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समक्ष अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर नाराजगी जाहिर की थी और कहा था कि सरकारी अधिकारी सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में अड़ंगा लगाते हैं, जिस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंत्रियों को निर्देश दिए थे कि वो ऐसे अधिकारियों की सूची बनाएं और मुझे सौंपे।

उन अधिकारियों खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे।गौरतलब है कि नौकरशाही के साथ सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायक और मंत्रियों का विवाद पहला नहीं है। इससे पहले भी गहलोत सरकार के कई मंत्रियों ने नौकरशाही के कामकाज को लेकर नाराजगी जाहिर की थी, जिसके बाद उन अधिकारियों के तबादले किए गए थे।

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