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बीकानेर,समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दिए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। अखिल भारतीय राष्ट्रीय प्रौक्षिक महासंघ, राजस्थान ( उच्च शिक्षा) ने महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देकर उस तरह के विवाह को कानूनी दर्जा दिये जाने का विरोध किया है। संगठन के प्रदेश संगठन मंत्री डॉ. दिग्विजय सिंह शेखावत के नेतृत्व में अतिरिक्त जिला कलेक्टर श्रीमान् ओमप्रकाश को महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में समलैंगिक विवाह को हमारी सभ्यता व संस्कृति के पूर्णतय विपरीत बताया गया है। ज्ञापन में संगठन के प्रदेश महामंत्री डॉ. सुशील कुमार बिस्सु ने कहा कि यदि यह कानून बन जाता है, तो यह विवाह के पवित्र बंधन को ही विकृत करने वाला भविष्य में साबित होगा, जिसका दुष्परिणाम भरतीय समाज को झेलना पड़ेगा ।

प्रदेशाध्यक्ष डॉ. दीपक कुमार शर्मा ने बताया कि समलैंगिक विवाह किसी भी रूप में मौलिक अधिकार नहीं है । समलैंगिक विवाह अप्राकृतिक है और समाज के विघटन का कारण बनेगा। ज्ञापन देने वालों में महासंघ के विभिन्न इकाइयों के सचिव व सदस्यगण उपस्थित रहे।

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