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बीकानेर जिले में के केंद्रीय मंत्री सहित 4 मंत्री होने के बाद भी 2 महिलाओं को 3 मासूम बच्चों के साथ न्याय के लिए पैदल जयपुर जाने जैसा कठोर कदम उठाना पड़ा। पैदल चलते-चलते श्रीडूंगरगढ़ के पास उनकी तबीयत बिगड़ गई तो हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ा। कोलायत के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय रेलवे लाइन में पदस्थापित महिला शिक्षिका के साथ प्रधानाध्यापक द्वारा दुर्व्यवहार

करने के प्रकरण में शिक्षिका सुरेंद्र कौर,पति दमित गहलोत एवं चार साल का बेटा पिछले डेढ़ माह से बीकानेर कलेक्ट्रेट के आगे धरने प्रदर्शन पर बैठे थे। गुमशुदा पति की थाने में रिपोर्ट तक दर्ज नहीं होने के कारण बीकानेर निवासी इंदुरानी अपने 11 वर्षीय और 7 वर्षीय बेटियों के साथ कलेक्टर कार्यालय के बाहर न्याय की गुहार के कई दिनों से लगा रही थी। न्याय नहीं मिलने की स्थिति में दोनों महिलाएं अपने छोटे बच्चों को साथ लेकर मुख्यमंत्री के सामने गुहार लगाने के लिए बीकानेर से पैदल ही जयपुर के लिए रवाना हो गई। उनके इस निर्णय से एक बारगी प्रशासनिक अमले में भी हड़कम्प मच गया और आनन फानन में अधिकारियों ने नौरंगदेसर के पास इनसे वार्ता कर मनाने की कोशिश की। बच्चों को साथ लिए ये महिलाएं श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र पहुंची तब तक इनकी तबियत बिगड़ चुकी थी। उन्हें पुलिस की निगरानी में श्रीडूंगरगढ़ हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया। भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिलाध्यक्ष पूनमचंद नैण ने हॉस्पिटल पहुंच कर कुशलक्षेम पहुंची और भोजन आदि की व्यवस्था की। डॉ. संतोष आर्य, बीसीएमओ श्रीडूंगरगढ़

“पैदल चलकर आने वाले इन लोगों की तबियत बिगड़ने पर भर्ती कर प्राथमिक चिकित्सा दे दी गई है। डॉ गोदारा की निगरानी में उनका इलाज चल रहा है। सुबह उनके स्वास्थ्य की पूरी जांच करके ही आगे कुछ कहा जा सकता है।

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