बीकानेर,मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना के अंतर्गत फसल सुरक्षा मिशन के तहत तारबंदी कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए प्राप्त सुझावों के मद्देनजर कृषक हित में तारबंदी कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन एवं अधिक व्यावहारिक बनाए जाने के उद्देश्य से पूर्व में जारी दिशा निर्देशों के मापदंडो में शिथिलता प्रदान की गई है।
संयुक्त निदेशक कृषि कैलाश चौधरी ने बताया कि अब किसान तारबंदी में 6 होरिजेंटल एवं 2 डायगोनल वायर के स्थान पर 5 होरिजेंटल व 2 डायगोनल तार लगा सकेंगे एवं अब 10 फीट के बजाय 15 फीट की दूरी पर पिलर लगा सकेंगे। साथ ही 10वें पिलर के स्थान पर 15वें पिलर पर अतिरिक्त पिलर से सपोर्ट किया जा सकेगा।
किसान व्यक्तिगत या समूह में प्रति किसान 400 रनिंग मीटर की सीमा तक कृषक या समूह में निर्धारित स्पेसीफिकेशन के अनुसार तारबंदी किए जाने पर अनुदान देय होगा तथा खेत की परिधि की लंबाई 400 मीटर से अधिक होने पर शेष दूरी में कृषक या कृषक समूह द्वारा स्वयं के स्तर पर खेत की सुरक्षा हेतु आवश्यक क्षेत्र में संपूर्ण रूप से कच्ची एवं पक्की दीवार या स्वयं के स्तर पर तारबंदी कर खेत को सुरक्षित करने की घोषणा प्रस्तुत करने पर अनुदान राशि मिल सकेगी।
कृषि अधिकारी मुकेश गहलोत ने कहा कि तारबंदी योजना के मापदंडों के चलते कई किसान इसका लाभ लेने में रुचि नहीं दिखा रहे थे। अब तारबंदी योजना के मापदंडों में बदलाव किया गया है, जिससे किसानों को ज्यादा लाभ मिल रहा है अब किसान दिखा रहे है रूचि। योजना के अंतर्गत लघु एवं सीमांत कृषकों को तारबंदी के लिए लागत का 60 प्रतिशत या अधिकतम 48 हजार रुपये, वहीं अन्य कृषकों के लिए लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 40 हजार रुपये का अनुदान दिया जाता है।
योजना का लाभ लेने के लिए किसान राज किसान साथी पोर्टल पर जनाधार के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। योजना की अधिक जानकारी के लिए निकटतम कृषि कार्यालय या सम्बन्धित कृषि पर्यवेक्षक से संपर्क कर सकते हैं अथवा किसान कॉल सेंटर के निशुल्क दूरभाष नंबर 1800-180-1551 पर बात कर सकते हैं।