
बीकानेर,जो अपने पूर्वजों को याद रखते हैं, उनका ही वर्तमान और उनका ही भविष्य होता है। 43 वर्षों बाद भी अपने पिता की स्मृति में हर वर्ष सम्मान समारोह व जरुरतमंद महिलाओं को सिलाई मशीनें, बच्चों को विद्यालय पौशाक वितरण करना वाकई संस्कारों को दर्शाता है। यह उद्गार जयपुर विधायक गोपाल शर्मा ने स्वतंत्रता सेनानी स्व. रामरतन कोचर की 43वीं पुण्यतिथि पर आयोजित सद्भावना दिवस एवं रामरतन कोचर स्मृति पुरस्कार सम्मान समारोह में व्यक्त किए। समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि स्व. कोचर न केवल स्वतंत्रता सेनानी रहे बल्कि आजाद भारत में भी शिक्षा व चिकित्सा सहित अनेक क्षेत्रों में विकास हेतु संघर्षरत रहे। उनके द्वारा किए गए कार्य आज मील का पत्थर साबित हो रहे हैं, खासतौर बीकानेर में वेटरनरी कॉलेज व मेडिकल कॉलेज की स्थापना में भाईजी का महत्वपूर्ण योगदान रहा। डॉ. कल्ला ने कहा कि स्व. कोचर का देश व समाज के प्रति समर्पण जन-जन के लिए प्रेरणादायी है। सुभाषचन्द्र बोस की प्रेरणा को मानने वाले तथा गांधीजी के अनुयायी स्व. कोचर द्वारा बीकानेर में मलेरिया महामारी के समय जरुरतमंदों को दवाइयां देना तथा अनाज की आपूर्ति करवाने का भी सेवा कार्य किया गया। डॉ. कल्ला ने बताया कि स्व. रामरतन कोचर ने अकाल के समय राजस्थान रिलीफ सोसायटी का गठन कर किसानों व ग्रामीणों के लिए तन-मन-धन से कार्य किया तथा यही कारण है कि वे जनमानस में आज भी लोकप्रिय हैं और भाईजी के नाम से जाने जाते हैं। समारोह में विशिष्ट अतिथि रायससिंहनगर विधायक सोहन नायक ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्व. कोचर के संस्कारों की ही देन है कि उनके पुत्र वल्लभ कोचर को भी रायसिंहनगर में भाईजी के रूप में पहचान मिली है। विधायक सोहन नायक ने कहा कि जिस व्यक्ति के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु से आत्मीय संबंध रहे हों वह केवल परिवार के नहीं बल्कि पूरे देश के विकास की बात करते थे।
नोखा रोड कोचर सर्किल पर आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारम्भ जंगम युग प्रधान, वृहद भटारक श्री जिनचंद्र सूरिजी महाराज के शिष्य अमृतसुंदरजी महाराज सा. ने मंगलाचरण से किया। सुमित सागर जी महाराज सा. ने अपने उद्बोधन में कहा कि जैन समाज में स्व. कोचर जैसे विरले पुरुष का जन्म होना गौरव की बात है। वर्षों पहले ही सर्वधर्म समभाव के उद्देश्य से ऊंच-नीच और जात-पात को दरकिनार कर मानवता का पाठ पढ़ाने वाले स्व. कोचर के संस्कार आज उनके पुत्रों व परिवारजनों में भी दिख रहे हैं।
इससे पूर्व श्रद्धा व सुगन महनोत तथा काव्या व यशिका कोचर ने मंचासीन अतिथियों का तिलक लगाकर स्वागत किया। धर्मचंद जैन ने स्वागत उद्बोधन दिया तथा मगन कोचर ने स्वागत गीत एवं प्रार्थना की प्रस्तुति दी। सम्मानित शख्सियत पत्रकार गुलाब बत्रा का 21,000/- रू. नगद राशि, शॉल, साफा, श्रीफल एवं प्रशस्ति पत्र देकर अतिथियों द्वारा अभिनंदन किया गया एवं स्व. रामरतन कोचर स्मारक समिति के संतोष जैन ने पत्र वाचन किया। कार्यक्रम का संचालन सरोज कोचर, जितेन्द्र कोचर व सुमित कोचर ने किया। आगन्तुकों का आभार वल्लभ कोचर एवं विजय कोचर द्वारा व्यक्त किया गया। अतिथियों का स्वागत जयचंदलाल डागा, शांतिलाल सांड, बसंत नौलखा, जैन लूणकरन छाजेड़, मेघराज बोथरा, चम्पालाल डागा, कन्हैयालाल बोथरा, रामनिवास गोदारा, मोहन सुराना, भगवतीप्रसाद पारीक, जानकीनारायण श्रीमाली द्वारा किया गया। कार्यक्रम में दिव्यांग मेहरदीन को ट्राइसाइकिल प्रदान की गई एवं 11 जरुरतमंद महिलाओं को सिलाई मशीन व 37 बच्चों को विद्यालय की पौशाक वितरित की गई।
कार्यक्रम में आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष गणेशमल बोथरा, विनोद सेठिया, सुरेन्द्र खजांची, संदीप चौरडिय़ा, सलीम भाटी, संजय दफ्तरी, मनोज सेठिया, इसरार हसन कादरी, प्रेम बेनीवाल, कैलाश मंडा, कालूराम सिहाग, साबिर मोहम्मद, भंवरलाल बडग़ुजर, चौरुलाल नायक, राजाराम सोनी, मानमल सेठिया, पन्नालाल मणौत, जतन संचेती, राहुल कोचर, राहुल सेठिया, प्रकाश पुगलिया, अजय सेठिया, मनोज चौधरी, जयदीप जावा, मैक्स नायक, शर्मिला पंचारिया, सुषमा बारुपाल, चेतना डोटासरा, रामरतन बिश्नोई, जयकिशन गहलोत, जुगल सोमानी, महेन्द्र बरडिय़ा, निर्मल पारख, विष्णु चौधरी, शांतिलाल कोचर, सहीराम बिश्नोई, धनसुख ओझा, गौतम बच्छावत, गुलाम मुस्तफा, सुरेश गोलछा, हनुमान बिस्सा, सुंदर बैनीवाल, सुमित बिस्सा, केके खत्री, किशोर बांठिया, अशोक गुप्ता, देवकिशन गहलोत, विमल चौरडिय़ा, चंद्रप्रकाश सियाग, पाबूराम नायक, देवकिशन कस्वा, नरेश नायक, रमेश मेघवाल, कैलाश गहलोत, बलराम नायक, राजकुमार गहलोत, श्रीलाल सारस्वत, सुरेन्द्र डागा, विष्णु चौधरी, आसुराम कच्छावा, राजकुमार खडग़ावत, शिवराम झांझरिया, राजेन्द्र चौधरी एवं रूपश्री सिपानी सहित सैकड़ोंजनों द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की गई।