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बीकानेर,अल्फ़ाज़ फाउण्डेशन की ओर से बुधवार को वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता अशोक माथुर की याद में गांधी पार्क में श्रद्धांजली सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता आर.के. दास गुप्ता ने कहा कि बीकानेर के सर्वांगीण विकास में स्व. माथुर के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि बीकानेर में विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए जो आंदोलन हुए उनमें स्व. माथुर ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। सीमांत किसानों की समस्याओं को लेकर स्व. माथुर सदैव मुखर रहे। उन्होंने अपनी लेखनी व आंदोलन के बल पर न केवल किसानों को उनका हक दिलवाया बल्कि उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक भी किया। उन्होंने कहा कि स्व. माथुर ने पत्रकारिता के सिद्धांतों को जीवित रखते हुए पूरा जीवन समाज को समर्पित कर दिया। वरिष्ठ पत्रकार संतोष जैन ने कहा कि स्व. माथुर ने सदैव नैतिक मूल्यों की पत्रकारिता की है। वरिष्ठ पत्रकार व साहित्यकार हरीश बी. शर्मा ने कहा कि स्व. माथुर ने आदर्श पत्रकारिता को आगे बढ़ाया, उनकी पहचान पत्रकारिता के विश्वविद्यालय के रूप में रही है। युवा पीढ़ी के पत्रकारों को स्व. माथुर से बहुत कुछ सीखने को मिला। अदिति माथुर ने अपने पिता स्व. माथुर के जीवन पर संक्षिप्त प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका अधिकतर जीवन पत्रकारिता व सामाजिक कार्यों के प्रति समर्पित रहा है। अदिति ने कहा कि स्व. माथुर ने हर परिस्थिति में उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है। इस अवसर पर उपेन्द्र सक्सेना, बलराम शर्मा, अविनाश व्यास, रमेश महर्षि, प्रमोद आचार्य, राकेश आचार्य, कपिल गौड़, सुरेन्द्र सिंह शेखावत, श्याम महर्षि, डा. एस.एन. हर्ष, ओम सोनगरा व श्याम मारू ने स्व. माथुर द्वारा पत्रकारिता जगत में किये गये कार्यों को याद किया। इस अवसर पर महापौर सुशीला कंवर व अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) दुलीचंद मीणा ने स्व. माथुर के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजली दी। श्रद्धांजली सभा में दीपचंद सांखला, पीयूष पुरोहित, हनुमान चारण, तोलाराम उपाध्याय, बाबूसिंह कच्छावा, जितेन्द्र सुथार, ज्योतिप्रकाश रंगा, प्रहलाद मार्शल, राजेन्द्र भार्गव, आनंद जोशी, सुनीता गौड़ आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में शलभ नेपालिया ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन हरीश बी. शर्मा ने किया। उनके कार्यों को उनकी धर्मपत्नी बाला माथुर व पुत्री अंकिता आगे बढ़ाते रहेंगे।

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