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बीकानेर, स्व.कुशाल चंद व्यास स्मृति द्वितीय जिला स्तरीय ईनामी शतरंज प्रतियोगिता का शनिवार को बेसिक पीजी कॉलेज से समापन हुआ।
समापन समारोह के दौरान अतिथियों ने विभिन्न वर्गों के विजेताओं को पुरस्कार दिए।
वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जुड़कर बीकानेर (पश्चिम) विधायक जेठानंद व्यास ने प्रतियोगिता के सफल आयोजन की शुभकामनाएं दी। उन्होंने विजेता शातिरों को जीत का जज्बा बनाए रखना का संदेश दिया तथा कहा कि शतरंज हमें अनुशासन और समय प्रबंधन सिखाती है। प्रत्येक खिलाड़ी खेल को खेल की भावना से सीखे और लक्ष्य निर्धारित करते हुए आगे बढ़े।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. अखिल रंजन गर्ग थे। उन्होंने कहा कि युवाओं को खेल स्पर्धाओं में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना अच्छी पहल है। संस्था द्वारा इस आयोजन को सतत रूप से किया जाए, तो इसके बेहतर परिणाम आएंगे। उन्होंने कहा कि शतरंज हमें जीवन के उतार-चढ़ाव को सीखने की प्रेरणा देता है। स्कूलों में नियमित रूप से इसका अभ्यास हो, ऐसा प्रयास किया जाए।
पुलिस अधीक्षक कावेंद्र सागर ने कहा कि बीकानेर ने साइकिलिंग और निशानेबाजी के साथ शतरंज के क्षेत्र में भी विशेष पहचान बनाई है। बीकानेर को शतरंज स्पर्धाओं के आयोजन का केंद्र माना जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसे ऐसी प्रतियोगिताओं से युवाओं को आगे बढ़ाने के मौके मिलते हैं तथा वे बड़े फलक पर बेहतरीन परिणाम दे पाते हैं। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जयपुर महानगर डॉ मनोज जोशी ने कहा कि खेलों में बेटियों का आगे आना अच्छे संकेत हैं। आज बेटियों ने प्रत्येक क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा बनवाया है। खेलों में भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेटियां बेहतरीन परिणाम दे रही हैं। शिक्षाविद रामजी व्यास ने स्व. कुशाल चंद व्यास के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कुशाल चंद व्यास ने शतरंज के खिलाड़ी और प्रशिक्षक के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान स्थापित की। उनकी स्मृति में यह कार्यक्रम उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है।
आयोजन प्रभारी शिवकुमार व्यास ने बताया कि प्रतियोगिता के चारों वर्गों में विजेताओं को इक्यावन सौ से लेकर पांच सौ रुपए तक की ईनामी राशि दी गई। वहीं सब जूनियर वर्ग के सभी शातिरों को चेस बोर्ड प्रदान किए गए।
उप जिला शिक्षा अधिकारी (शारीरिक शिक्षा) अनिल बोड़ा ने प्रतियोगिता का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता में 224 साथियों ने भागीदारी निभाई। यह सब जूनियर जूनियर सीनियर और महिला वर्ग में खेली गई।
एडवोकेट अजय कुमार व्यास ने आगंतुकों का आभार जताया और अब तक की गई गतिविधियों की जानकारी दी। इस दौरान आर्बिटर और प्रतियोगिता से आयोजन से जुड़ी विभिन्न व्यवस्थाओं में सहयोग करने वालों का सम्मान किया गया।

*यह रहे परिणाम*
आर्बिटर बुलाकी दास हर्ष ने बताया कि सीनियर वर्ग में युवा शातिर विभोर चोपड़ा ने उलटफेर करते हुए 7 में से 6 अंक हासिल किए तथा खिताब पर कब्जा जमाया। इस वर्ग में ऋषि मूंधड़ा दूसरे तथा बजरंग लाल प्रजापत छह-छह अंकों के साथ प्रोग्रेसिव गणना के आधार पर दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। मोहन सिंह और कपिल पवार ने प्रोग्रेसिव गणना के आधार पर चौथे और पांचवें स्थान पर रहे। दोनों ने पांच-पांच अंक हासिल किए।
इसी प्रकार सब जूनियर वर्ग में दक्ष सिंह ने सभी सात मुकाबले जीतकर पहला स्थान, मानवेंद्र सिंह, कुशल विधानी और एकलव्य गोस्वामी ने 6-6 अंकों के साथ प्रोग्रेसिव गणना के आधार पर क्रमशः दूसरा, तीसरा और चौथा स्थान हासिल किया। चेतन खत्री ने साढ़े पांच अंकों के साथ पांचवा स्थान हासिल किया।
ओम कच्छावा को वरिष्ठ शातिर, चित्रांश पालीवाल को सबसे छोटे शातिर, नेत्रहीन योगेश चुनवाल तथा सर्वश्रेष्ठ बालिका शातिर के रूप में नव्या व्यास को भी पुरस्कार दिए गए।
इस दौरान क्यूबेशन कंसलटिंग प्राइवेट लिमिटेड के चंद्रेश हर्ष, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पुखराज साध, पूर्व कुलपति डॉ रविंद्र मंगल, यशपाल गहलोत आदि मौजूद रहे।

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