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बीकानेर,आस्था के केंद्र हरिद्वार हर की पैड़ी पर सोमवती अमावस्या को लाखों लोग डुबकी लगाई और पुणयु कमाया ।उल्लेखनीय है कि जब समुद्र का मंथन हुआ था तो अमृत की बूंद ब्रह्मकुंड में सबसे प्रथम पड़ी । इसके अलावा तीन जगह ओर अलग अलग स्थानों पर अमृत की बूंद पड़ी। अमृत की जहां जहां बूंद गिरी वहां महाकुंभ भरता है। हरिद्वार नासिक इलाहाबाद उज्जैन में महाकुंभ होता है। हरिद्वार में प्रथम बार यह है धार्मिक संस्कृति आस्था के लिए बनाया गया। जहां महाकुंभ का मेला भरना शुरू हुआ। कलयुग में मां गंगा की प्रथम महत्वत्ता है। कलयुग केवल नाम आधारा ।सुमिर सुमिर नर उतरो पारा ।। वेद के अनुसार हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड पर पूरे भारतवर्ष के अनेक जगहों से श्रद्धालु आए। इसके अलावा हजारों की संख्या में साधु संत भी आए यहां के प्रशासन व पुलिस प्रशासन ने काफी व्यवस्था कर रखी थी।घोड़ों पर भी पुलिस सवार रही। जगह-जगह महिला पुलिस अधिकारी कर्मचारी भी मुस्तैदी से अपना कार्य कर रहे थे ।लेकिन प्रशासन द्वारा चार-पांच किलोमीटर पहले ही छोटे वाहन भी रोकने के कारण श्रद्धालुओं को
काफी परेशानी हुई विशेष रुप से छोटे बच्चे भी चार-पांच किलोमीटर दूर पैदल चलकर पहुंचे। स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं ने उनकी सहायता की ।सुनील जी गिर्राज जी अरुण जी सुधीर जी ने क्षोत्रिय हनुमान घाट वालों ने 22 कमरे निशुल्क उपलब्ध कराएं। गंगा माता मंदिर हनुमान मंदिर बाल्मीकि मंदिर के अलावा अन्य सभी घाट पर श्रद्धालुओं की यात्रियों की अधिक संख्या होने के कारण शाम 5:00 बजे तक जाम लगा रहा। श्रृद्धालु सायं रवाना होने लगे

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