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बीकानेर,किसी भी प्रदेश की आर्थिक उन्नति में वहां की औद्योगिक इकाईयों का उन्नत और सफल होना भी अत्यंत आवश्यक है । हमारा प्रदेश राज्य में होने वाली कृषि उपज की वजह से कृषि आधारित उद्योगों का हब बनता जा रहा है लेकिन पड़ोसी राज्यों में कृषि आधारित उद्योगों को मिलने वाली राहत की वजह से हमारे प्रदेश की औद्योगिक इकाइयां पिछड़ती जा रही है। हमारे प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत के सपने को पूरा करने में संकल्पित हमारे प्रदेश की सरकार को इन विषम असमानताओं को दूर करना अत्यंत आवश्यक है :
1. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्धारा कोरोना काल में कृषि जिंसो पर किसान कल्याण सेस 1% लगाया गया था जोकि कोरोना काल बीत जाने के कितने समय के बाद भी यथावत जारी है। आपसे निवेदन है कि अब इस शुल्क को यथा शीघ्र हटाने का आदेश जारी कर हमें राहत प्रदान करें
2. हमारे प्रदेश में कृषि जींस दलहन पर मंडी शुल्क 1.60% और आड़त 2.25% राज्य सरकार द्धारा निर्धारित की गई है जबकि हमारे पड़ोसी राज्यों में ये शुल्क या तो है ही नही अगर कहीं पर है भी तो वो नही के बराबर है। हमारे प्रदेश में दाल मिलें काफी संख्या में हैं और हमारे यहां पैदावार भी काफ़ी होती है परंतु किसान को इन सभी करों की वजह से उसका उचित मूल्य नही मिल पाता है और वो प्रदेश से बाहर अपनी फसल बेचने जाते हैं जिससे यहां की औद्योगिक इकाईयों को फसल नही मिल पाती है और वो बंद होने की कगार पर हैं या जैसे तैसे अपने आप को बचाए रखे हुए है कि कभी तो सरकार उनकी आवाज़ को सुनेगी और हम फिर से जीवत हो जायेंगे। हमारा आपसे निवेदन है कि आप मंडी शुल्क को खत्म और आड़त शुल्क को कम करने का आदेश जारी करें ।
3. कुछ दलहन जिनकी पैदावार हमारे प्रदेश में नही होती हैं परंतु उनका उपयोग हमारे यहां पर पापड़ भुजिया उद्योग में काफ़ी होता है उन पर वहां कि सरकार द्वारा मंडी शुल्क या कर अदा करके ही व्यापारी द्वारा माल हमारे यहां कि दाल मिलों को बेचा जाता है परंतु हमारे यहां पर उस पर फिर से मंडी शुल्क इत्यादि वसूला जाता है जो कि सरासर ग़लत है न्यायसंगत नहीं है इससे हमारे यहां कि दाल मिलों का माल महंगा हो जाता है और उन्हें कोई खरीददार नही मिलता है इससे उनके अस्तित्व पर ही एक प्रश्न चिन्ह लग गया है।
हमारे प्रधानमंत्री द्वारा GST को लागू करके एक सराहनीय कदम उठाया गया था जिसका हमने तहेदिल से अभिनन्दन किया जिससे कि व्यापारियों को पूरे भारत में अपना माल एक कर राशि होने की वज़ह से बेचने आसानी हो गई। अब पूरा भारत ही हमारे लिए बाजार हो गया।
परंतु जब हमारे प्रदेश में इस प्रकार से अत्यधिक शुल्क वसूला जाएगा तो हमारे यहां कि औद्योगिक इकाईयों को अपने आप को बचा पाना असम्भव सा हो जायेगा और उनका भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। इसलिए हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि आप हमारी इस न्यायोचित प्रार्थना को स्वीकार करते हुए हमें हमारे जीने का सहारा प्रदान करते हुए इन शुल्क को खत्म या कम करने का आदेश जारी करें।

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