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बीकानेर,स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के सभागार में कुलपति डॉ अरुण कुमार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में ‘एक जिला एक उत्पाद’ की वर्तमान स्थिति और ‘मॉडल विलेज’ के विकास पर विश्लेषण किया गया। बैठक में विश्वविद्यालय के कार्यक्षेत्र जैसलमेर, चूरू सीकर, झुंझुनू, श्रीगंगानगर व बीकानेर में स्थित सातों कृषि विज्ञान केंद्रों के वरिष्ठ वैज्ञानिकों, अधिष्ठाताओं व निर्देशकों ने आज शुक्रवार को बैठकर विचार विमर्श किया। डीन कम्युनिटी साइंस कॉलेज डॉ विमला डुंकवाल ने विस्तृत प्रेजेंटेशन देकर ‘एक जिला एक उत्पाद’ से जुड़ी संभावनाओं एवं चुनौतियां पर प्रकाश डाला। विशेषज्ञों ने चयनित उत्पाद के उत्पादन, उत्पादकता, किसानों को प्रशिक्षण, मूल्य संवर्धन, ब्रांडिंग, पैकेजिंग, मार्केटिंग, निवेश, तकनीकी सहायता, प्लांटिंग मटेरियल की उपलब्धता, प्री हार्वेस्ट, पोस्ट हार्वेस्ट, कोल्ड स्टोरेज, क्वालिटी प्रोडक्ट आदि पहलुओं पर चर्चा की। ‘फार्मर- प्रोड्यूसर-ऑर्गनाइजेशन (एफपीओ) के सफल क्रियान्वयन पर जोर दिया गया। इसी बैठक में प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ सुभाष चन्द्र ने मॉडल विलेज चयन संबंधी जानकारी दी। डॉ सुभाष चन्द्र ने बताया की कृषि विज्ञान केंद्रों के निकटतम स्थित गांवों को मॉडल विलेज के रूप में विकसित करने एवं किसानों को न्यूनतम खर्च वाली तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने एवं संपूर्ण ग्रामीण विकास पर चर्चा हुई और विश्वविद्यालय की विभिन्न इकाईया मिलकर मॉडल विलेज व ‘एक जिला एक उत्पाद’ के सफल क्रियान्वयन में जुटी हुई है।

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