बीकानेर एक तरफ जहां नगर निगम राजस्व प्राप्ति के लिए जूझ रहा है, वहीं दूसरी ओर अपने स्वामित्व की सम्पतियों को लेकर कोताही भी बरत रहा है। वर्ष 2008 में नगर विकास न्यास से हस्तांतरित हुई सात दुकानों और दो गोदामों के दस्तावेजों की फाइल निगम अब तक नहीं बना पाया है। इन दुकानों और गोदामों से निगम को हर महीने किराए के रूप में राजस्व की प्राप्ति होनी है, इसके लिए भी निगम उदासीन बना हुआ है।
दस्तावेजों पर उदासीनता
केईएम रोड पर सात दुकानें और अलख सागर रोड पर दो गोदाम होने के बाद भी निगम इनके स्वामित्व
संबंधित दस्तावेजों को लेकर उदासीनता बरत रहा है। दस्तावेज निगम में उपलब्ध है अथवा नहीं, इसको लेकर निगम अधिकारी व कर्मचारी कुछ भी बताने में असमर्थ हस्तांतरित हैं। बताया जा रहा है कि निगम ने नेहा से इन दुकानों और गोदामों के दस्तावेजों को लेकर भी सम्पर्क नहीं किया है।
जून 2008 में हुए थे
नगर विकास न्यास की 20 जून 2008 को हुई बैठक में सात दुकानों व दो गोदामों को तत्कालीन नगर परिषद को हस्तांतरित करने का निर्णय हुआ था। न्यास सचिव की और से जुलाई 2008 में आयुक्त नगर परिषद को लिखे पत्र में सात दुकानों और दो गोदामों को हस्तांतरित करने की जानकारी दी हुई है।
तत्कालीन न्यास सचिव की ओर से लिखे गए पत्र में सात दुकानों के केईएम रोड पर दो गोदाम अलख सागर रोड पर होने की जानकारी दी गई है। किराया प्रारंभ की तिथि, दुकान व गोदाम संख्या के साथ किराए की दर भी अंकित की हुई है इसमें दुकानों का किराया प्रति दुकान 100 रुपए व एक गोदाम का 132.50 रुपए व दूसरे का किराया 315 रुपए बताया गया है।
दुकानों व गोदाम “पुराना है। न्यास सचिव का पत्र सामने आया है। जल्द इन दुकानों व गोदामों की जानकारी जुटाकर दस्तावेज एकत्र किए जाएंगे। संबंधित शाखा के प्रभारी अधिकारी को भी इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। पंकज शर्मा,आयुक्त नगर निगम, बीकानेर