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बीकानेर,राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) के पूर्व प्रेसिडेंट ललित मोदी कंट्रोवर्सी में हमेशा छाए रहते हैं. सत्ता के गलियारे में हीरो और विपक्ष के सामने ‘विलेन’ बनाए जाते रहे हैं.राजस्थान के क्रिकेट से लेकर आईपीएल तक ललित मोदी छाये रहे ते हैं. नेत्री से लेकर अभिनेत्री तक इनका जलवा बरकरार रहा है. ललित मोदी कभी राजस्थान के ‘सुपर सीएम’ भी कहलाने लगे थे.

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के मुख्यमंत्री काल में ललित मोदी खूब आगे बढ़े, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से विपक्ष के नेताओं खासकर राहुल गांधी के चुनावी निशाने पर रहे. बहुत दिनों से मीडिया से दूर रहे ललित मोदी पिछले दिनों तब चर्चा में आए जब उन्होंने मशहूर अभिनेत्री सुष्मिता सेन के साथ अपनी डेटिंग की फोटो शेयर की. वहीं आज एक बार फिर ललित मोदी चर्चा में हैं. आइए जानते हैं कौन हैं ललित मोदी?

दिल्ली में पैदा हुए ललित मोदी ने राजस्थान के नागौर जिले से क्रिकेट में एंट्री की थी. वर्ष 2002 में ललित मोदी ने नागौर जिला क्रिकेट संघ (NDCA) से अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ा था. पहली बार में ही उन्हें जीत भी मिली थी. इसके बाद भी ललित मोदी राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) के अध्यक्ष के लिए चुनाव नहीं लड़ सके. बताया जाता है कि उस समय राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन पर किशोर रूंगटा के गुट का कब्जा था, जिसमें राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के आजीवन सदस्य भी वोट दे सकते थे.रोचक बात ये थी कि इसमें ज्यादातर आजीवन सदस्य रूंगटा गुट के ही थे. यही वजह थी कि ललित मोदी उस बार आरसीए में जा नहीं सके, लेकिन ललित मोदी ने काम जारी रखा.

RCA अध्यक्ष से IPL कमिश्नर तक का सफर
क्रिकेट की राजनीति में नागौर जिले से एंट्री करने वाले ललित मोदी के लिए 2003 में बेहतर समय आया. दरअसल, वसुंधरा राजे की सरकार ने स्पोर्ट्स एक्ट बनाते हुए उस नियम को रद्द कर दिया, जिसमें सिर्फ आजीवन सदस्यों को ही वोटिंग करने का हक दिया गया था. इसके बाद ललित मोदी की आरसीए में एंट्री की राह आसान हुई और साल 2005 में ललित मोदी आरसीए के अध्यक्ष बने.

आरसीए अध्यक्ष बनने के बाद ललित मोदी ने अपने ग्राफ आगे बढ़ाया. उन्होंने 2008 में इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल (IPL) की शुरुआत की. बताया जाता है कि आईपीएल ललित मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट था. इसलिए तीन साल तक उन्होंने इस लीग को चलाया भी, लेकिन 2010 में मनी लॉन्ड्रिंग के विवाद में ललित मोदी देश छोड़कर भाग गए.

बेटे को दिलाई एंट्री
देश छोड़कर भागे ललित मोदी ने अपने बेटे रुचिर को वर्ष 2016 में अलवर जिला क्रिकेट संघ का अध्यक्ष बनवा दिया था. क्रिकेट की राजनीति से बहुत दिनों तक दूरी नहीं रह पाई. बेटे की एंट्री अलवर क्रिकेट संघ में गुपचुप तरीके से करवाई गई थी. चुनाव 21 अगस्त को हुआ, लेकिन इसकी जानकारी सितंबर में दी गई. इन चुनावों को बेहद गुपचुप तरीके से अंजाम दिया गया.

रुचिर मोदी की दावेदारी को ज्यादा प्रचारित भी नहीं किया गया था. इतना ही नहीं चुनाव के नतीजों पर कोई खुलकर बोला भी नहीं था. वैसे तो पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया और ललित मोदी के पारिवारिक रिश्ते पुराने हैं. राजे की मां विजया राजे सिंधिया और मोदी के पिता कृष्ण कुमार मोदी एक दूसरे के मित्र बताये जाते थे, लेकिन राजस्थान में वसुंधरा की पहली सरकार में ललित मोदी बहुत आगे निकल गए थे.

सुपर सीएम’ बनने वाला कनेक्शन
कहा जाता है कि उस दौरान एक तरह से ललित मोदी ही सरकार चलाते थे. जानकार बताते हैं कि उस दौरान कांग्रेस पार्टी वसुंधरा से ज्यादा ललित मोदी पर हमला करती थी. क्योंकि कांग्रेस का दावा था कि राजस्थान में ललित मोदी सीएम से ज्यादा पॉवरफुल हो गए थे. कहा तो यहां तक जाता है कि जयपुर के होटल रामबाग पैलेस के एक सुइट में ललित मोदी रहते थे. यहां पर मोदी से मिलने वालों की लाइन लगी रहती थी.

सूत्र बताते हैं कि इसी होटल से अफसरों, नेताओं और बिल्डरों को धमकाया जाता रहा है. इतना ही नहीं, मोदी के सामने खड़ा अधिकारी, मंत्री या कोई और उनके तेवर देखकर पसीना-पसीना हो जाता था. ललित मोदी पर होटल से सरकार चलाने का लगातार कांग्रेस आरोप लगा रही थी.

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