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बीकानेर,मैं उनको एक मौका दे चुका हूं। अब और मौका नहीं दूंगा। मर जाऊंगा लेकिन इस विधानसभा चुनाव में बीडी कल्ला के साथ नहीं जाऊंगा।

यह तल्ख लहजा है कांग्रेस नेता राजकुमार किराडू का। बीकानेर पश्चिम से टिकट के दावेदार रहे किराडू ने हालांकि लगातार 10वीं बार बीडी कल्ला को टिकट घोषित होने के साथ ही बगावत कर दी लेकिन उनकी तल्खी लगातार बढ़ती जा रही है। टिकट घोषित होते ही राजीव गांधी पंचायती राज संगठन में राष्ट्र स्तरीय पद और विप्र कल्याण बोर्ड सदस्य जैसे पदों से इस्तीफा दे चुके किराडू ने बीती रात अपने समर्थकों की मीटिंग बुलाई।

सूरदासानी बगीची में बुलाई गई यह मीटिंग टिकट फाइनल होने के साथ ही घोषित कर दी गई थी। इसमें किराडू को अपने समर्थकों के साथ मिलकर आगे की रणनीति पर बात करनी थी। ऐसा ही हुआ भी। सबसे पहले यह तय हुआ कि किसी भी सूरत में बीडी कल्ला का समर्थन नहीं करेंगे। दूसरी बात बीकानेर की जनता को मान-सम्मान देने वाले कैंडिडेट का समर्थन करेंगे।

किराडू के बोला खुद को माइबाप और जनता को गुलाम समझने वाले नेताओं को घर बिठाएंगे। ऐसे नेताओं को जिताएंगे जो जनता को माई बाप समझे।

राजकुमार किराडू के सबसे ज्यादा समर्थक कांग्रेस कार्यकर्त्ता हैं। इसके साथ ही बड़ा आधार बहुसंख्यक पुष्करणा समाज में हैं। भाजपा प्रत्याशी भी पुष्करणा ब्राह्मण समाज से हैं।

किराडू ने अभी तक एक बार भी नहीं कहा है कि वे खुद चुनाव मैदान में उतरेंगे। ऐसे में किराडू की बगावत असर दिखाती है तो सीधा नुकसान कल्ला को होगा और फायदा भाजपा के जेठानंद व्यास को।

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