बीकानेर इंदिरा गांधी नहर काॅलोनी की कल्याण भूमि में वर्षों से लावारिसों की अंत्येष्टि की जा रही है। कल्याण भूमि के संस्थापक किशोर गांधी व जगदीश में चतुर्वेदी के निधन के बाद कल्याण भूमि में पी.बी.एम.अस्पताल, विभिन्न वृृद्ध आश्रमों और झुग्गी झोपड़ी से आने वाली लावारिस शवों की अंत्येष्टि सामग्री में वर्तमान पदाधिकारी कंजूसी कर रहे है, नगर के सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर बिना लावारिस शव को अन्यत्र अंत्येष्टि करने अन्यथा 4 हजार रुपए जमा करवाने का सुझाव दे रहे हैं। जबकि पुराने निर्माण कार्य को तुड़वाकर नए निर्माण कार्य पर आमजन द्वारा प्रदत लाखों रुपए व्यय किए जा रहे है।
गौर तलब है कि कल्याण भूमि में एक लावारिस महिला की अंत्येष्टि के दौरान बुधवार को निष्काम अंत्येष्टि करने वाले लोगों कल्याणभूमि के एक पदाधिकारी के रूखे व्यवहार से रूबरू होना पड़ा। एस.डी.काॅन्वेंट की ओर संचालिक शांति निवास वृृद्ध आश्रम में प्रवास कर रही आंधप्रदेश की 73 साल की वृृद्धा उषा का मंगलवार देर रात वृृद्धावस्था के कारण निधन हो गया। आश्रम की मदर सिस्टर रोजमैरी व प्रभारी सिस्टर मैरिन, मीडियाकर्मी शिव कुमार सोनी सहदेव व मैढ़ सोनी ब्लड डोनर ग्रुप के राजेश सोनी बुटण, नगर निगम व कल्याण भूमि प्रन्यास के नाम पत्र बनाकर, नगर निगम के शव वाहन में लावारिस वृृृद्धा उषा के शव को कल्याण भूमि ले गए। वहां मौजूद प्रन्यास के एक पदाधिकारी ने रुखे स्वर में लावारिस का शव लाने वालों से कहा कि पत्र पर ’’नगर निगम के सक्षम अधिकारी से हस्ताक्षर करवाकर लाएं, अन्यथा प्रन्यास के नियमानुसार अंत्येष्टि खर्च 4 हजार रुपए जमा करवाएं वरना शव को वाहन से उतारने नहीं दिया जाएगा, अन्यत्र कहीं लावारिस की अंत्येष्टि करें। वृृद्ध आश्रम की सिस्टर व उनके सहयोगी नगर निगम मुख्य कार्यालय व निगम भंडार पत्र लेकर गए लेकिन वहां पूर्वान्ह 11 बजे तक कोई सक्षम अधिकारी नहीं मिला। मंगलवार रात को हुई मृृत्यु से शव की कोई बेअदबी नहीं हो, वृृद्ध आश्रम के सहयोगी, रमेश पेड़िवाल के सुझाव पर कल्याण भूमि प्रन्यासी को 4 हजार रुपए जमा करवाकर अंत्येष्टि की गई।
कल्याण भूमि प्रन्यास की ओर से श्मशान स्थल पर एक बोर्ड लगा रखा है जिसमें अंतिम संस्कार के दौरान दी जाने वाली सामग्री का विवरण है। जिसमें कफन कपड़ा 7 मीटर, हवन सामग्री एक किलो, चंदन लकड़ी का एक टुकड़ा, मिट्टी बर्तन एक, बांस गता 7 नग, नारियल 11 नग, कांसी कटोरी एक नग, फुलियां 500 ग्राम, बांस 2, रस्सी गेड़ा 4 कपूर 5 नग देने की जानकारी है। बुधवार को लावारिस की अंत्येष्टि के दौरान 5 नारियल, एक चंदन लकड़ी का टुकड़ा व एक किलो हवन सामग्री दी गई। सामग्री के कम देने पर वहां मौजूद प्रन्यासी से पूछा गया तब उन्होंने बताया कि निगम द्वारा समय पर भुगतान नहीं करने पर लावारिस के लिए इतनी ही सामग्री दी जाती है। पूर्व में मोदी डेयरी की ओर से प्रचुर मात्रा में लावारिसों की अंत्येष्टि के घी भिजवाया जाता था, काफी समय से डेयरी द्वारा घी आपूर्ति बंद करने पर इस सुविधा पर भी विराम लग गया है। शव के कपाल क्रिया के लिए पुराने पड़े स्टाॅक में से एक किलो घी दिया गया है।
नगर निगम के आयुक्त पंकज शर्मा ने बताया कि कल्याण भूमि प्रन्यास की ओर से प्रस्तुत लावारिस लाशों की अंत्येष्टि के बिल का हाल ही भुगतान किया गया है। लावारिसों की अंत्येष्टि के हस्ताक्षर के लिए उन्होंने इंस्पेक्टर को मुकरर्र कर रखा है। लावारिस की अंत्येष्टि उनकी जाति धर्म के अनुसार से सम्मान के साथ हो इसके लिए संबंधित कार्मिकों को पाबंद किया गया है। प्रन्यास के कोषाध्यक्ष, प्रहलाद गोयल ने बताया कि कई लोग पी.बी.एम.से शवों को लावारिस कह कर लाते है ना तो लकड़ी व सामग्री का भुगतान करते है ना ही निगम का कोई पत्र आदि लाते है। इससे इस सेवा कार्य में बाधा उत्पन्न नहीं हो इसलिए निगम के सक्षम अधिकारी से हस्ताक्षरित पत्र व निगम के वाहन में लावारिस शव को लाने, अन्यथा 4 हजार रुपए जमा करवाने के लिए कहा जाता है। निगम की ओर से लावारिसों की अंत्येष्टि के कुछ दावों को निगम के शव वाहन में नहीं लाने सहित अन्य आक्षेप लगाकर रोक दिया जाता है । वर्तमान में 12 लावारिसों की अंत्येष्टि का भुगतान निगम में अटका हुआ है। चार दावों का भुगतान हाल ही निगम ने किया है। कल्याण भूमि प्रन्यास के न्यासी विनोद चतुर्वेदी ने वृृद्ध आश्रम की सिस्टर व लावारिस महिला के शव अंत्येष्टि के दौरान कतिपय एक प्रन्यासी के व्यवहार के प्रति क्षमा याचना की तथा कहा कि सभी प्रन्यासी बिना किसी स्वार्थ के कल्याणभूमि में सेवाएं देते है, कई बार आपसी समझ के अभाव में इस तरह की खामियां हो जाती है उसे दूरस्थ किया जाएगा तथा लावारिसों की अंत्येष्टि को पूर्ण सम्मान व सामग्री के साथ किया जाएगा।