जयपुर: राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान सूचना तकनीकी और डिजिटल माध्यमों ने परम्परागत शिक्षण के साथ-साथ शिक्षण की नई विधाओं के द्वार खोले हैं.
उन्होंने उदयपुर प्रवास के तीसरे दिन बुधवार को मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के 29 वें दीक्षांत समारोह कार्यक्रम को सम्बोधित करते कहा कि उच्च शिक्षा जगत में इसका बखूबी उपयोग किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि देश की नई शिक्षा नीति प्राचीन भारतीय शिक्षा-पद्धति से प्रेरित है . उन्होंने कहा कि इसमें विद्यार्थी को अपने विषय के साथ बहुत से अन्य विषयों की शिक्षा प्राप्त करने के अवसर देने पर बल दिया गया है , जिससे विद्यार्थियों का चहुँमुखी विकास होगा.
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में शोध की ऐसी परम्परा विकसित की जानी चाहिए, जिसका लक्ष्य मानव-कल्याण हो. उन्होंने विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों को भी समय-समय पर अद्यतन करने का सुझाव दिया. इस अवसर पर ऑनलाइन जुड़े उच्च शिक्षा संस्थान मैरीलैंड, यूएसए के सलाहकार डॉ. फ्रैंक एफ. इस्लाम ने अपने संबोधन में अपनी भारत से लेकर अमेरिका तक की यात्रा के सबक साझा किए. मिश्र ने 105 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और 180 को पीएचडी डिग्रियां प्रदान की. सोर्स- भाषा