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बीकानेर,बिजली कंपनियों के कनिष्ठ अभियंताओ ने वेतन विसंगति दूर करने की मांग को लेकर सोमवार से विद्युत भवन परिसर में अनिश्चितकालीन महापड़ाव शुरू कर दिया है। इसमें तीनों विद्युत वितरण कंपनी, विद्युत उत्पादन निगम और प्रसारण निगम के कनिष्ठ अभियंता शामिल हैं।जयपुर।बिजली कंपनियों के कनिष्ठ अभियंताओ ने वेतन विसंगति दूर करने की मांग को लेकर सोमवार से विद्युत भवन परिसर में अनिश्चितकालीन महापड़ाव शुरू कर दिया है। इसमें तीनों विद्युत वितरण कंपनी, विद्युत उत्पादन निगम और प्रसारण निगम के कनिष्ठ अभियंता शामिल हैं।इससे प्रदेश में बिजली उत्पादन से लेकर सप्लाई तक प्रभावित होने की आशंका बन गई है। अभियंताओं की ऊर्जा विभाग और डिस्कॉम्स प्रबंधन से रविवार को वार्ता भी हुई, लेकिन किसी तरह का सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आ सका।

इसके बाद पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान ने प्रदेशवासियों के नाम अपील जारी की। इसमें बताया गया कि उन्हें मजबूरन महापड़ाव करना पड़ रहा है। ऐसे में विद्युत उत्पादन और सप्लाई में व्यवधान होता है तो प्रबंधन जिम्मेदार होगा।बिजली कंपनियों में 5192 कनिष्ठ अभियंता हैं। एसोसिएशन ने दावा किया है कि महापड़ाव में अधिकतर कनिष्ठ अभियंता शामिल होंगे और जो जयपुर नहीं आ पाएंगे वे अपने कार्यस्थल पर ही कार्य बहिष्कार करेंगे। एसोसिएशन के पदाधिकारियो के अनुसार राजनीतिक दलों ने वेतन विसंगति दूर करने का वादा किया था। यहां तक कि तत्कालीन और मौजूदा मुख्यमंत्री व ऊर्जा मंत्री से भी आश्वासन मिला, लेकिन हुआ कुछ नहीं। ऐसे में मजबूरन आंदोलन करना पड़ रहा है। वही विभाग के आलाधिकारियों और मंत्री से आज भी एसोसिएशन के पदाधिकारियों की वार्ता हो सकती है।

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