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जयपुर। राजधानी जयपुर शहर के एसएमएस स्कूल और ज्यश्री पेडिवाल स्कूल में पिछले 3 दिनों 10 से अधिक बच्चे कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद से अभिभावकों में बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर हड़कम्प मच गया। राजस्थान सरकार ने 15 नवम्बर से शतप्रतिशत कैपेसिटी के साथ स्कूल खोलने की इजाजत दी थी, जिसके पहले ही दिन सोमवार को एसएमएस स्कूल में 2 मामले और जयश्री पेड़ीवाल स्कूल ने 1 मामला सामने आया। अब बुधवार को भी जयश्री पेड़ीवाल स्कूल में 8 बच्चे कोरोना संक्रमित पाए गए है। जिसके बाद से अभिभावकों में डर का माहौल है और बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है। संयुक्त अभिभावक संघ ने मुख्यमंत्री और राजस्थान सरकार से अभिभावकों की मांगों पर सुनवाई करने की मांग की है। संघ का आरोप है कि ” राज्य सरकार निजी स्कूलों के संरक्षण में एकतरफा फैसला लेकर अभिभावकों और छात्र-छात्राओं को परेशान होने पर मजबूर कर रही है। ”

संघ प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि ” राज्य सरकार और शिक्षा विभाग की लापरवाही अभिभावकों के गले की फास बन चुकी है अभिभावकों के लिए एक तरफ कुआं और दूसरी तरफ खाई खोद कर अपने हाथों बच्चों के भविष्य को कुचनले पर मजबूर कर दिया गया है। बच्चों को स्कूल भेजते है तो कोरोना और डेंगू का डर, स्कूल नही भेजते है तो बच्चों के भविष्य का डर। जिसका फायदा उठा निजी स्कूल अभिभावकों व छात्र-छात्राओं को ना केवल प्रताड़ित कर रहे है बल्कि अपमानित तक कर रहे है। राज्य सरकार अपना राजधर्म निभाये और आमजन की समस्याओं पर सुनवाई करे, पिछले डेढ़ सालों से अभिभावक राजस्थान सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से राहत की मांग कर रहे है किंतु ना राजस्थान सरकार ध्यान दे रही है ना मुख्यमंत्री आमजन की समस्याओं पर ध्यान दे रहे है।

राज्य सरकार ने स्पष्ट गाइडलाइन जारी नही कर निजी स्कूलों की हठधर्मिता को बढ़ावा दिया है, 15 नवम्बर से शतप्रतिशत कैपेसिटी से खोलने के आदेश में भी सरकार ने कोई कन्फ्यूजन बनाये रखा, जो आज भी बरकरार है, पिछले 4 दिनों में 10 अधिक बच्चे कोरोना संक्रमित हो गए किन्तु सरकार और प्रशासन के कानों में जू तक नही रेंग रही है। अभिभावक चिंतित और परेशान हो रहे है। बढ़ी संख्या में हेल्पलाइन 9772377755 पर फोन कॉल आ रहे है जयपुर ही नही प्रदेशभर से फोन आ रहे है। अभिभावक अभी भी बच्चों को स्कूल भेजना नही चाहते, वह बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई ही करवाना चाहते है। सरकार को अभिभावकों की मांगो नजरअंदाज नही करना चाहिए अन्यथा इसके गंभीर परिणाम भोगने पड़ सकते है।

*अरविंद अग्रवाल* प्रदेश अध्यक्ष, संयुक्त अभिभावक संघ

जगतपुरा निवासी सर्वेश मिश्रा और चन्द्र मोहन गुप्ता ने कहा कि राजस्थान सरकार और शिक्षा विभाग को वर्तमान परिस्थितियों पर अपना ध्यान आकर्षित करना चाहिए और स्कूलों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनो विकल्प देने के निर्देश देने चाहिए। अभिभावक डरे हुए है वह बच्चों को अभी स्कूल भेजना नही चाहते है। जबकि स्कूलों ने सरकार की इजाजत के बाद अभिभावकों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। ऑनलाइन क्लास बन्द कर बच्चों को स्कूल भेजने का दबाव बना रहे है।

 

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