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बीकानेर,जोड़बीड़ गिद्ध संरक्षण क्षेत्र एक बार फिर विदेशी मेहमानों की चहचहाहट से गूंज उठा है। मध्य यूरोप, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, अफगानिस्तान, मांगलिया सहित विभिन्न देशों से 10 हजार से अधिक विदेशी पक्षी पहुंचे हैं।यहां पहले से रह रहे पक्षियों ने मेहमानों का गर्मजोशी से स्वागत किया है। जमीन-आसमान पंछियों से भरा नजर आ रहा है। पक्षी विशेषज्ञ राकेश शर्मा ने बताया कि मोटे अनुमान के मुताबिक 3500 मिस्री और 4500 पीली आंखों वाले कबूतरों की संख्या सबसे ज्यादा है।

जदबिद इन दिनों पक्षी प्रेमियों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। विदेशों से भी पक्षी प्रेमी आ रहे हैं। सबसे बड़ा खुला डंपिंग साइट: जदबीर में एशिया का सबसे बड़ा गिद्ध संरक्षण क्षेत्र है। क्योंकि यहां खुला डंपिंग साइट है जहां शहर के मृत पशुओं को डंप किया जाता है। गिद्धों को यहीं पेट भर भोजन मिलता है। जानकारों के मुताबिक यही वजह है कि विदेशी पक्षी हर साल 1000 मील की दूरी तय कर यहां पहुंच जाते हैं। अगले साल अप्रैल में ये पक्षी अपने वतन लौट आएंगे।

शिकारी पक्षी भी पहुंचे गिद्धों के अलावा शिकारी पक्षी भी बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. कई शिकारी प्रजातियों ने यहाँ डेरा डाला है, जिनमें स्टेपी ईगल्स, टैनी ईगल्स, हेरियर, हॉक्स और शिकारा शामिल हैं। उनके लिए यहां बहुत सारे बैल हैं, जिनका शिकार पक्षी बड़े चाव से करते हैं।

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