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बीकानेर,जयपुर रोड़ बाईपास क्षेत्र में क्रिकेट बुकी धड़ल्ले से सट्टे का कारोबार चमका रहे हैं। बीकानेर के क्रिकेट बुकियों के लिए जयपुर रोड़ बाईपास बेहद सुविधाजनक ठिकाना बन चुका है। इन ठिकानों से रोज करोड़ों का सट्टा हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक इस क्षेत्र के कई बड़े होटल, रिसोर्ट व ढ़ाबे क्रिकेट बुकियों का अड्डा बन चुके हैं। इन रिसोर्ट्स व होटलों में बुकियों ने कमरे बुक कर रखे हैं। बड़े होटल व रिसोर्ट में पुलिस भी आसानी से घुस नहीं पाती। ये बुकी ठिकाने बदल बदलकर बुक चला रहे हैं। इन्हीं ठिकानों से लाखों युवाओं को रोज लूटा जा रहा है। करोड़पति बनने का सपना देखने वाले युवा इन बुकियों की चपेट में आकर कंगाल और कर्जदार हो रहे हैं।

बीकानेर के सबसे बड़े बुकी ने तो यहां तीन चार ठिकाने बना रखे हैं। पुलिस से बचकर भाग निकलने में हमेशा कामयाब रहा ये बुकी इतना शातिर है कि आजकल खुद बुक में नहीं बैठ रहा। इसके इशारे पर कर्मचारी ही सारा काम देख रहे हैं। इस शातिर बुकी के पार्टनर व कर्मचारी ही हमेशा पुलिस के चंगुल में फंसे हैं। सूत्रों के मुताबिक क्रिकेट सट्टे से लेकर डिब्बा ट्रेडिंग, हवाला आदि अवैध कारोबार में यह सबसे बड़ा नाम है।

इसलिए चुना जयपुर रोड़ बाईपास:- कुछ समय पहले मुरलीधर बुकियों का हब हुआ करता था। अब जयपुर रोड़ बाईपास बीकानेर क्रिकेट सट्टा जगत का सबसे बड़ा अड्डा बन गया है। विपरीत परिस्थितियों में यहां से फरार होना बेहद आसान है। पुलिस रेड पड़ने की सूचना मिलने के साथ ही बुकी अपने ठिकानों से नौ दो ग्यारह हो जाते हैं। पुलिस हाइवे पर तैनात रहती है, ये गांव व खेतों के सुनसान रास्तों से फरार हो जाते हैं। सूत्रों का कहना है कि इन बुकियों ने खेतों के कमरों व गांव के बाहरी क्षेत्र के मकानों को छिपने का ठिकाना बना रखा है। बाईपास का एक फॉर्म हाउस भी क्रिकेट बुकी का ठिकाना है।

होटलों को मिलती है बड़ी क़ीमत:- होटल व रिसोर्ट संचालक बुकियों को कमरे देने के लिए बड़ी क़ीमत वसूल रहे हैं। उन्हें जानकारी होती है कि यहां अवैध काम चलेगा। बावजूद इसके होटल व रिसोर्ट संचालक क्रिकेट बुकी को कमरा देने से नहीं कतराते।
बताया जा रहा है कि ये बड़े होटल बुकियों के लिए सुरक्षित भी है। वजह, यहां पुलिस रेड होने का खतरा ना के बराबर है। ऐसे में पुलिस से बेखौफ होकर ये बुकी अपना काम कर रहे हैं और पुलिस शहर के अंदर ठिकाने तलाश रही है।

-शातिर बड़े बुकी की हिस्ट्रीशीटरों से जुगलबंदी होने की ख़बर:- सूत्रों का कहना है कि बीकानेर के सबसे बड़े बुकी की जुगलबंदी हिस्ट्रीशीटरों से भी है। मगर पुलिस को इस बात की भनक तक नहीं है। इस शातिर बुकी को पकड़ने में 25 सालों से पुलिस नाकाम रही है। इस वजह से यह बुकी पुलिस की नजर में तो रहता है मगर रिकॉर्ड में नहीं आ पाता। हालांकि कई मामलों में यह रिकॉर्ड में भी आया लेकिन किसी तरह खुद को निकालने में कामयाब रहा। चौंकाने वाली बात यह है कि हर बार इसके पार्टनर व कर्मचारी ही बली का बकरा बनते हैं, जबकि शातिर बुकी खुद को सेफ जोन में ले जाता है। ऐसे में काम दोनों करते हैं मगर बदनाम सिर्फ पार्टनर ही होता है

बुकियों के मुखबिर देते हैं सूचना:- जयपुर रोड़ बाईपास क्षेत्र के होटलों, रिसोर्ट्स, ढ़ाबों सहित मकानों में बुकियों के ठिकाने किसी से छिपे नहीं है। बावजूद इसके इन अड्डों से बेधड़क क्रिकेट सट्टा करवाया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि इन बुकियों का मुखबिर तंत्र भी काफी मौजूद हैं। पुलिस विभाग में भी इनके मुखबिर बैठे हैं। ऐसे में जब टीमें कार्रवाई करने जाती है, उससे पहले ही सूचना पाकर ये बुकी फरार हो जाते हैं।

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