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बीकानेर,राजस्थान की सभी जेलों में विरोध की आवाज गूंजने लगी है, क्योंकि राज्य की सभी जिलों की जेलों में ब्लैक डे (Black Day) मनाया जा रहा है. जेलों में अपराधियों और बदमाशों के बीच जेल की सुरक्षा व्यवस्था मैं तैनात जेल प्रहरियों ने ड्यूटी के दौरान काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया और अपनी मांगों को रखते हुए सरकार से जल्द मांगे मनाने की मांग की हैं.प्रदेश में जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, बूंदी, अजमेर, बीकानेर सहित सभी जिलों में जेल प्रहरियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया है.

प्रदेश की सभी जेलों में करीब तीन हजार जेल प्रहरी ड्यूटी कर रहे है. प्रदेश में जेल प्रहरियों की वेतन विसंगति के समझौते की पालना नहीं होने से प्रदेश के जेल प्रहरी नाराज हैं. हार्डकोर अपराधियों और आरोपियों के बीच जेल में रहने वाले जेल प्रहरियों ने ड्यूटी के दौरान काली पट्टी बांधकर गांधीवादी तरीके से अपना विरोध जाहिर किया. जेल प्रहरी वेतन विसंगति और अन्य समस्याओं को लेकर विरोध कर रहे हैं, सभी जेल प्रहरियों ने 15 दिन में समस्याओं पर विचार विमर्श करने की चेतावनी दी है.
2017 से कर रहे सैलरी बढ़ाने की मांग
जेल प्रहरियों में रोष हैं कि वेतन विसंगति और अन्य समस्याओं को लेकर वर्ष 2017 में सरकार ने समझौता किया था, लेकिन अब तक उस पर कोई विचार-विमर्श नहीं किया जा रहा है. इसके कारण प्रदेश के सभी जेल प्रहरियों में खांसी नाराजगी देखी जा रही है. अपनी नाराजगी सरकार तक पहुंचाने के लिए जेल में ड्यूटी पर तैनात जेल प्रहरी काली पट्टी बांधकर विरोध जता रहे हैं. वहीं जेल प्रहरियों का कहना है कि हमारी पुलिस वेरिफिकेशन से ही पोस्टिंग हुई थी फिर भी आज जेल प्रहरी और पुलिस आरएसी की सैलरी के बीच 20 हजार रुपये का फर्क आ रहा है.

15 दिन के भीतर मांग पूरी हो
इसके कारण सभी जेल प्रहरी मानसिक रूप से परेशान हैं और उन्हें आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ रहा है. वेतन विसंगतियों को लेकर कई बार सरकार व प्रशासन को सूचना दी गई, लेकिन उनकी मांगों पर विचार-विमर्श तक नहीं किया जा रहा है. जेल प्रहरियों ने अब चेतावनी दी है कि अगर 15 दिन के भीतर उनकी समस्याओं का विचार विमर्श करते हुए समझौते को लागू नहीं किया जाता है तो जेल प्रहरी मेस का बहिष्कार कर आंदोलन करेंगे. इसकी जिम्मेदारी जेल प्रशासन व सरकार की होगी.

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