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बीकानेर,संगीतकार स्व. अमर चंद पुरोहित की स्मृति में कला एवं संस्कृति विभाग, विरासत संवर्धन संस्थान एवं कल्पना थिएटर संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में प्रथम ‘अमर कला महोत्सव’ का उद्घाटन शनिवार को टी. एम. ऑडिटोरियम में संभागीय आयुक्त नीरज के पवन, अपर मंडल रेल प्रबंधक निर्मल शर्मा, पं. पुंडरीक जोशी, केंद्रीय साहित्य अकादमी में राजस्थानी भाषा परामर्श मंडल के संयोजक मधुआचार्य आशावादी एवं डॉ एस पी व्यास ने किया।
कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से जुड़े हुए कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने स्व. अमरचंद पुरोहित के व्यक्तित्व एवं कृतित्व की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कला एवं संस्कृति का संरक्षण एवं इसे भावी पीढ़ी तक पहुंचना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि तीन दिवसीय उत्सव बीकानेर की नाट्य परंपरा को जन जन तक पहुंचाएगा।
संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन ने कहा कि आज युवा पीढ़ी सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के कारण सांस्कृतिक मूल्यों से दूर होती जा रही है, इसलिए हमारी यह जिम्मेदारी बनती है कि हम उन्हें फिर से अपनी उन जड़ों की ओर लेकर जाएं, जिससे उन्हें मानवीय मूल्यों की समझ हो सके।
एडीआरएम निर्मल शर्मा ने कहा कि हमारे पुरखों द्वारा विरासत में दी गई है संस्कृत को सहेज कर रखना एवं आगे बढ़ाना यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।
वरिष्ठ साहित्यकार मधु आचार्य आशावादी ने अपने संस्मरण याद करते हुए कहा कि श्री अमरचंद पुरोहित ने संगीत के साथ नाट्य कला को भी भरपूर महत्व दिया।
पुण्डरीक जोशी ने कहा कि अमर कला महोत्सव जैसे आयोजन स्व. श्री अमरचंद पुरोहित को सच्ची श्रद्धांजलि है। डॉ. एस. पी. व्यास ने उन्हें कला का सच्चा साधक बताया।
कार्यक्रम की शुरुआत पंडित नारायण रँगा द्वारा सरस्वती वंदना से की गई। बड़ौदा के पंडित दीपक क्षीरसागर द्वारा क्लासिकल गिटार की प्रस्तुति दी गई। उनके साथ संगत पर चारुदत्त फड़के रहे। इस जुगलबंदी से माहौल ही संगीतमय हो गया। दीपक क्षीरसागर ने सर्वप्रथम राग भीमपलासी प्रस्तुत किया। क्षीरसागर ने राग भीमपलासी में आलाप व जोड़ को सिलसिलेवार बढ़त से प्रस्तुत किया। तत्पश्चात उन्होंने धमार ताल में एक गत प्रस्तुत की जिसमें विभिन्न प्रकर की लयकारी और तिहाइयों का समावेश किया गया। राग भीमपलासी में दीपक ने मध्य लय और द्रुत लय में दो गतें भी प्रस्तुत की। दीपक की प्रस्तुति का समापन मशहूर गजल आज जाने की ज़िद ना करो से हुआ।
इसके बाद अहमदाबाद के भरत भाई रावल के द्वारा भवई नृत्य की प्रस्तुति दी गई। भवई नृत्य करते-करते ही उन्होंने खेल ही खेल में साड़ी को मोर की आकृति देकर दर्शकों की वाहवाही लूटी।
इसी श्रंखला में डांस इंडिया डांस फेम छोटे सलमान के द्वारा डांस प्रस्तुति दी गई। अहमदाबाद के सलीम नागौरी उर्फ छोटे सलमान ने फिल्मी गीत पर धमाकेदार प्रस्तुतियां देकर उपस्थित जन समूह का मन मोह लिया।
कार्यक्रम का समापन होराइजन ग्रुप द्वारा उदय प्रकाश की कहानी ‘पाल गोमरा का स्कूटर’ पर आधारित एकल नाटक ‘ द ट्रेजडी ऑफ पॉल गोमरा’ का मंचन प्रतीक सिंह के निर्देशन में अभिनेता उदय प्रकाश द्वारा किया गया।
फोटोग्राफी प्रशिक्षण शिविर का आयोजन उदयपुर के राकेश शर्मा ‘ राजदीप’ एवं जयपुर के अजय पारीख के निर्देशन में किया गया।
इस अवसर पर अजमेर के निरंजन द्वारा मूर्ति कला प्रदर्शनी, अंतरराष्ट्रीय साफा एवं पगड़ी विशेषज्ञ कृष्ण चंद्र पुरोहित द्वारा पगड़ी एवं साफा प्रदर्शनी, गायत्री प्रकाशन द्वारा बुक स्टॉल का आयोजन भी किया गया। चित्रकार डॉ मोना सरदार डूडी, हिमानी शर्मा, मुकेश जोशी सांचीहर एवं श्रीबल्लभ पुरोहित द्वारा चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
रविवार को आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में वरिष्ठ साहित्यकार मालचंद तिवाड़ी एवं वरिष्ठ लेखिका मनीषा आर्य सोनी द्वारा
‘ अपराध मनोविज्ञान एवं कला’ विषय पर सेमिनार, पंडित पुखराज शर्मा के द्वारा सुर सरिता का आयोजन, नई दिल्ली के रोहित पंवार द्वारा कथक नृत्य की प्रस्तुति एवं अंत में नटसम्राट नई दिल्ली द्वारा हास्य नाटक कमबख्त इश्क का मंचन किया जाएगा।
पहले दिन के कार्यक्रमों में वरिष्ठ रंगकर्मी ओम सोनी, दयानंद शर्मा , विनोद भटनागर, हाफिज फरमान अली, पार्षद पारस मारू, डॉ.कमल व्यास, सुशील मत्तड, कर्मचारी नेता रामकुमार व्यास, विपिन पुरोहित, सुनीलम पुरोहित, सरोद वादक अमित- असित गोस्वामी उपस्थित रहे। केश कला बोर्ड के अध्यक्ष महेंद्र गहलोत ने भी वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम के सफल आयोजन की शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम के विभिन्न सत्रों का संचालन लेखक हरीश बी शर्मा एवं कवयित्री मोनिका गौड़ द्वारा किया गया।

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