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बीकानेर,कल की शाम ढलते ही इस्लामी नए वर्ष हिजरी 1446 की शुरुआत हुई। नए साल का पहला माह मोहर्रम के रूप में शुरू हुआ। इस दौरान मोहर्रम में हजरत इमाम हुसैन की याद में ताजिए बनाने भी शहर में शुरू हो चुके है। कल  रविवार की देर शाम को मोहर्रम का चांद दिखते ही बीकानेर शहर में कई ताजियादारो के उस्तादों ने अलग-अलग पारम्परिक स्थानों पर अपने अखाड़े लगाने  शुरू कर दिए हैं।  जिसमें  शितला गेट के अन्दर मौहल्ला दमामियान में अखाड़े के दंगल का आगाज हुआ। जिसमें शहर के तमाम ताजियादारों के अखाड़ों के उस्ताद मौजूद रहे और अपने अपने शागिर्दों को मैदान में उतारा जिसमें मौहल्ला दमामियान के नजमुद्दीन लाखनोत ने बताया कि हमारे यहां हर साल मोहर्रम की एक तारीख को दंगल का आगाज होता है। इस अवसर पर सभी अखाड़ों के करतब बाजों ने अपने जौहर दिखाए।

मौलाना नोशाद अहमद, हाफिज, नईमुददीन,हसन अली अशरफी आदि के नुमाइंदगी में यह दंगल सोमवार की भोर तक चला।  मोहसिन लाखनोत,शहादत अली, बबलू आदि ने व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाया और
कार्यक्रम का संचालन गुलजार अहमद अंसारी ने किया।
इस अवसर पर अखाड़ों के उस्तादों को स्मृति चिन्ह भेंट करके उनकी हौसला अफजाई की गई। अखाड़े में सभी उस्तादों व करतब बाजों का स्वागत अलीमुद्दीन जामी ने किया। और जामी ने बताया कि मोहर्रम की 10 तारीख तक मौहल्ला दमामियान में इमामे हुसैन की याद में महफ़िल मिलाद मनकबत का प्रोगाम रहेगा।
वहीं सोमवार को मोहर्रम की पहली तारीख से शहर में अलग-अलग मोहल्लों, कॉलोनियों में धार्मिक आयोजनों की शुरुआत हुई। उल्लेखनीय है कि मोहर्रम माह में हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में बीकानेर शहर में बनने वाले आकर्षक व कलात्मक ताजिए देशभर में मशहूर है।

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