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बीकानेर,विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंकीपॉक्स (Monkeypox)  को लेकर एक आपातकालीन बैठक बुलाई है. बैठक में इस बात का आकलन किया जाएगा कि क्या मंकीपॉक्स बीमारी एक अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल बन चुकी है. डीजी, डब्ल्यूएचओ  ने कहा, “मंकीपॉक्स का प्रकोप असामान्य और चिंताजनक है. इस कारण से, मैंने अगले सप्ताह अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियमों के तहत आपातकालीन समिति को बुलाने का फैसला किया है, ताकि यह आकलन किया जा सके कि क्या यह प्रकोप अंतरराष्ट्रीय चिंता के सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल का प्रतिनिधित्व करता है.

बता दें इस बीमारी के मामले अब अफ्रीका (जहां यह बीमारी स्थानिक है) से बाहर भी आने लगे हैं. सोमवार को ब्रिटेन (UK) के स्वास्थ्य अधिकारियों ने देश में मंकीपॉक्स के 104 अन्य मामलों का पता लगाया है. ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी ने सोमवार को कहा कि अब देश भर में मंकीपॉक्स के 470 मामले सामने हैं, जिनमें से अधिकांश समलैंगिक या ‘बाइसेक्सुअल’ पुरुषों में हैं.

ब्रिटेन के बाद इन देशों में आए सबसे ज्यादा मामले
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा था कि 28 देशों से मंकीपॉक्स के 1,285 मामले सामने आए हैं, जहां मंकीपॉक्स को स्थानिक नहीं माना जाता था. अफ्रीका के बाहर कोई मौत की सूचना नहीं मिली है. ब्रिटेन के बाद सबसे ज्यादा मामले स्पेन, जर्मनी और कनाडा में सामने आए हैं.

क्या है मंकीपॉक्स?
यह बीमारी चेचक (Smallpox) से संबंधित है, जिसने 1980 में खत्म होने से पहले हर साल दुनिया भर में लाखों लोगों की जान ले ली थी. हालांकि मंकीपॉक्स (Monkeypox), जो निकट संपर्क से फैलता है, बहुत कम गंभीर होता है, जिसमें आमतौर पर तेज बुखार और चिकनपॉक्स जैसे दाने होते हैं जो कुछ हफ्तों में साफ हो जाते हैं. चेचक के लिए विकसित टीके मंकीपॉक्स को रोकने में लगभग 85 प्रतिशत प्रभावी पाए गए हैं. मंकीपॉक्स के लिए मृत्यु दर (Mortality Rate) आमतौर पर काफी कम है.

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