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बीकानेर,केस एक :- कोटगेट थाना क्षेत्र के खजांची मार्केट में एक मोबाइल की दुकान से एक युवक मोबाइल चुरा कर ले गया। पुलिस ने वारदात का खुलासा किया तो चोरी करने वाला नाबालिग निकला। इसी प्रकार करीब तीन साल पहले शादी-समारोह में होटलों से सोने-चांदी के चोरी करने के मामले में बीछवाल और कोटगेट पुलिस ने नाबालिगों को निरुद्ध किया था।

केस दो :- नयाशहर थाना क्षेत्र में हाल ही में एक नाबालिग को अवैध हथियार के साथ पकड़ा गया था। महिला के गले से सोने की चेन छीनने के मामले में भी नाबालिग की संलिप्तता पाई गई। इन छोटे अपराधों के अलावा शहर में हुई तीन फायरिंग की वारदातों में चार नाबालिग सामने आए थे, जिन्हें पुलिस ने निरुद्ध किया।

बीकानेर। किशोरावस्था में नासमझी के कारण किए गए अपराधों के कारण कानून में किशोरों को दी गई छूट का अब गलत उपयोग हो रहा है। अपराधों को अंजाम देने के बाद संप्रेषण गृह से लौटने के बाद अधिकांश किशोर दुबारा चोरी, ठगी, मारपीट व जानलेवा हमला जैसी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। यह छोटी उम्र के बदमाश युवतियों, महिलाओं से छेड़छाड़, राहगीरों से लूट, चोरी, जानलेवा हमले जैसी वारदातों में आगे हैं। ऐसे नाबालिग किशोरवय बच्चों का उपयोग शहर में अवैध शराब बेचने एवं हथियार सप्लायर कर रहे हैं। नाबालिगों को बड़े व अमीर बनने के सपने दिखाने एवं नशे का आदी बनाकर आपराधिक प्रवृति के लोग उनसे गलत काम करा रहे हैं। कानून में प्रावधानों की ढील का लाभ लेकर नाबालिग वारदात के बाद सजा और पुलिस की सख्ती से बच जाते हैं, जिससे उनका हौसला और बढ़ रहा है। यही वजह है कि अब वे किसी भी तरह की आपराधिक वारदात को अंजाम देने से हिचक नहीं रहे हैं। छेड़छाड़, छीना-झपटी व चोरी में लिप्तशहर के नयाशहर, कोटगेट, जेएनवीसी व गंगाशहर थाना क्षेत्रों में छेड़छाड़, चोरी व जानलेवा हमले जैसे कई अपराधों में किशोरों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किए गए हैं। इनमें कुछ नाबालिग तो ऐसे हैं जिन पर एक से ज्यादा छेड़छाड़ और अन्य जघन्य अपराध दर्ज हैं। एक अपराध में संप्रेषण गृह भेजे जाने के बाद बाहर आकर यह फिर अपराध में लिप्त हो जाते हैं।फायरिंग प्रकरणों में नाबालिगों की भूमिका से फैल रही दहशतनाबालिग/किशोर शहर और ग्रामीण क्षेत्र में चोरी की वारदातों के अलावा न केवल बड़े अपराधों को अंजाम दे रहे हैं बल्कि जानलेवा हमले एवं फायरिंग जैसी गंभीर वारदातों में उनकी संलिप्तता सामने आई है। कोटगेट थाना क्षेत्र में तेजू माली पर हुए जानलेवा हमले में दो नाबालिग निरुद्ध हुए। नयाशहर में पिछले दिनों हुई चोरी की एक वारदात में नाबालिग को निरुद्ध किया गया। सदर थाना क्षेत्र में बाइक चोरी में नाबालिग को पकड़ा। कोटगेट पुलिस ने दुकान से मोबाइल चोरी के माममले में नाबालिग को निरुद्ध किया। नोखा थाना क्षेत्र में नाबालिग से बलात्कार के मामले में दो नाबालिग निरुद्ध हुए थे।कम समय में मोटी रकम से बन रहे नशे के आदीचोरी की वारदात के बाद बिना मेहनत मिलने वाले रुपए से नाबालिग नशे की लत के शिकार हो रहे हैं। जिले के अधिकांश थानों में चोरी, मारपीट, अवैध शराब, अवैध मादक पदार्थ, अवैध हथियार के साथ पकड़े जाने के बाद कई मामलों में नाबालिगों को आरोपी बनाया गया। यह किशोर शराब, अफीम, गांजा, अमल सहित मानसिक रोगियों एवं दर्द निवारक दवा की गोलियों को नशे के रूप में लेते हैं। शराब में नशे की गोलियां मिलाकर पीते हैं, जिससे उनमें हिंसक प्रवृति बढ़ रही है। शौक पूरे करने कर रहे अपराध .पुलिस की मानें तो नाबालिग पहले अपने शौक पूरे करने के लिए छोटी-मोटी चोरी करते हैं। रुपए जेब में आने के बाद वे नशे की तरफ आकर्षित हो जाते हैं और फिर गलत संगत में पड़कर मारपीट.चोरी के अलावा लूट, छेड़छाड़ और दुराचार जैसी वारदातों को भी अंजाम देने लगते हैं। पिछले दिनों पुलिस की गिरफ्त में आए ऐसे ही एक गिरोह के किशोर सदस्य ने अच्छे कपड़े, महंगे शौक एवं गर्ल फे्रंड को गिफ्ट देने के लिए चोरी करने की बात स्वीकारी थी। डरावने हैं यह आंकड़ेपुलिस विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019 से लेकर 2021 तक जिले में हुई आपराधिक वारदातों को अंजाम देने में १८९ नाबालिग भी शामिल रहे हैं। इन्होंने हत्या, बलात्कार, लूट, चोरी, छीना-झपटी, अवैध हथियार-मादक पदार्थ, शराब तस्करी में शामिल रहे हैं। वर्ष 2019 में बलात्कार के 21 प्रकरणों में 23, वर्ष 2020 में 19 प्रकरणों में 24 एवं 21 में 22 प्रकरणों में 26 नाबालिगों की भूमिका सामने आई।

अपराधी किशोर बालकों का हथियार की तरह उपयोग कर रहे हैं जो समाज के लिए घातक हैं। इस समाज और न्याय प्रक्रिया को हमें इस तरह से बदलाव करना आवश्यक हो गया कि इस तरह के मूल अपराधी किशारों का उपयोग कर उन्हें अपराध की दुनिया में धकेल रहे हैं, उन पर अंकुश लगाया जाए।

शैलष गुप्ता, वरिष्ठ अधिवक्ता राजस्थान उच्च न्यायालय बीकानेर

किशोर अवस्था में बच्चों में महत्त्वाकांक्षा अधिक होती है। वह जैसा देखते है वैसा करने का मन होता है। अच्छे-बुरे की पहचान नहीं कर पाने से वह चाहे जैसे माहौल में ढल जाते हैं। इसलिए अभिभावक बच्चों की हर गतिविधि के साथ-साथ उनकी संगत पर निगरानी रखें। गलत संगत में जा रहे हैं तो उन्हें सही राह दिखाएं।

डॉ. सिद्धार्थ असवाल, मनोरोग विशेषज्ञ

युवाओं को करेंगे जागरूकनाबालिग/किशोरों की अपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता चिंतनीय है। फायरिंग, चोरी, छेड़छाड़, लूट जैसी वारदातों में उनकी भूमिका सामने आ रही है। किशोर वर्ग के बच्चों को सही राह पर लाने की जिम्मेदारी, घर, परिवार व समाज की भी है। पुलिस अपना काम कर रही है। समाज में सुधार और बच्चों को संस्कार देना जरूरी है। किशोरों व युवाओं को अपराध से दूर रखने के लिए रेंज स्तर पर पुलिस जागरूकता अभियान चलाएगी।

ओमप्रकाश, बीकानेर रेंज पुलिस महानिरीक्षक

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