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बीकानेर,महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय बीकानेर के करियर कॉउंसलिंग एवं प्लेसमेंट सेल के तत्वाधान में विश्विद्यालय एवं संबद्ध कॉलेजों के विद्यार्थियों हेतु “वैश्विक गतिशीलता और एकीकरण कौशल का महत्व” विषय पर अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया।

इस वेबिनार को मुख्य वक्ता के तौर पर मास प्राकृतिक संसाधन INC, कनाडा की बोर्ड सदस्य एवं अध्यक्ष श्रीमती मेरीलिन वालेस सहाय ने संबोधित किया तथा कार्यकम की अध्यक्षता विश्विद्यालय के कुलपति प्रो. विनोद कुमार सिंह ने की । अपने अध्यक्षीय उदबोधन में प्रो. सिंह ने कहा कि वैश्विक विस्तार सम्पूर्ण विश्व के वर्तमान और भविष्य के अस्तित्व का एक महत्वपूर्ण घटक बन गया है। हालाँकि दूसरे देश में कार्य प्राधिकरण को सुरक्षित करने की क्षमता लंबे समय से विद्यार्थियों एवं तकनीकी पेशेवरों की वैश्विक गतिशीलता में बाधा रही है। उन्होंने कहा कि वैश्विक गतिशीलता एवं विदेशो में करियर के लिए कोई विशिष्ट विश्वविद्यालयी योग्यता या कोई विशिष्ट विषय वस्तु नहीं हैं जिन्हें अपरिहार्य माना जा सके । विदेशी भाषा ज्ञान, प्रबंधन कौशल और डिग्री, गणित और गणना कौशल, आईटी और अन्य तकनीकी दक्षता जैसे कुछ कौशल हैं जो उम्मीदवारों को नियोक्ताओं के सामने अन्य प्रतियोगियों से आगे खड़े होने और बेहतर नौकरी के अवसर प्रदान करने में मदद कर सकते हैं।
मुख्य वक्ता कनाडा की मेरीलिन वालेस सहाय ने विदेश में सफलता प्राप्त करने की लिए आवश्यक कौशल के विषय में छोटे छोटे उदाहरणों के माध्यम से समझाया । उन्होंने अपने प्रबोधन में भारत एवं भारतीय लोगो के वैश्विक महत्व को प्रतिपादित किया । श्रीमती सहाय ने कहा कि ऐसे छात्र जो विभिन्न शैक्षणिक और व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए विदेश जाना चाहते हैं उन्हें सफलता के लिए पांच सूत्रीय मंत्र ध्यान में रखना चाहिए । ऐसे उम्मीदवारों को लक्षित देशों या कंपनियों या विश्वविद्यालयों के बारे में वास्तविक जानकारी प्राप्त करनी चाहिए । साथ ही लक्षित देश की सामाजिक एवं सांस्कृतिक व्यवस्था तथा वहाँ की भाषा एवं संचार साधनों के बारे में पूर्ण ज्ञान होना विदेश में सफलता की कुंजी है । श्रीमती सहाय ने जोर देकर कहा कि विद्यार्थियों को विशेषज्ञता एवं संभावित प्रतिस्पर्धा का सम्पूर्ण ज्ञान होना आवश्यक है । श्रीमती मेरीलिन ने विद्यार्थियों को सचेत करते हुए कहा कि विदेश जाने से पूर्व उस देश की अर्थव्यवस्था की हकीकत और वहाँ प्रवेश तथा प्रवेश पश्चात् आने वाली बाधाओं की संपूर्ण जानकारी आवश्यक रूप से कर लेवे । स्थानीय शिक्षा प्रणाली, बैंकिंग, सामुदायिक सेवा, कार्यस्थल संस्कृति एवं रोजगार के अवसरों के बारे में विदेश जाने से पूर्व संपूर्ण ज्ञान का होना अनिवार्य है ।
कार्यक्रम का संयोजन करते हुए करियर काउंसलिंग एवं प्लेसमेंट सेल के समन्वयक डॉ. अभिषेक वशिष्ठ ने विद्यार्थियों से कहा कि अलग अलग जगहों पर काम करने वाली एक ही अंतरराष्ट्रीय कंपनी के लिए हर देश में कॉर्पोरेट संस्कृति अलग होती है । सांस्कृतिक मतभेदों को समझने पर विदेश के नए वातावरण में आने वाली चुनौतियों से बेहतर तरीके से निपटा जा सकता है । डॉ. वशिष्ठ ने कहा कि वैश्वीकरण के कारण प्रतिभा संवारने के नए अवसर प्राप्त हुए हैं परन्तु इसी के साथ कई स्थानों और उद्योगों में आवश्यक कौशल को बनाए रखने के लिए चुनौतियां भी उत्पन्न हुई है । कार्यक्रम के अंत में कैरियर काउंसलिंग एवं प्लेसमेंट सेल के सह समन्वय अमरेश कुमार सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। उक्त वेबिनार में विश्वविद्यालय एवं संबद्ध महाविद्यालयों के शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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