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बीकानेर,बीकानेर लोकसभा चुनाव में मतदान के बाद रोचक स्थितियां सामने आई है। भाजपा प्रत्याशी अर्जुन राम मेघवाल और कांग्रेस प्रत्याशी गोविन्द राम मेघवाल के बीच चुनाव में टक्कर रही। अर्जुन राम मेघवाल केन्द्रीय मंत्री रहते हुए जनता के निशाने पर रहे। टिकट मिलने के बाद अर्जुन राम खुद और समर्थक बड़े मार्जिन से जीत का दावा मतदान का दिन निकट आते आते सिमट कर लाख के आस पास माना जाने लगा। वहीं भले ही जीत अर्जुन राम मेघवाल हो इस बार उनकी राजनीतिक और व्यक्तिगत छवि धूमिल हो गई है। पूरे चुनाव के दौरान उनकी बीकानेर में विकास का काम नहीं करने, जनता के बीच नहीं जाने, पार्टी में बने कॉकस से घिरे रहने, जनता की अनदेखी कर ऊपर के स्तर पर रिलेशन को मेंटेन कर खुद की अच्छी छवि बनाने में लगे रहे। मात्र सता सुख भोगने की छवि आम चर्चा का विषय बन गई है। हर स्तर पर इन बातो को लेकर उनकी जनता में जमकर आलोचना हुई है। जनता ने अर्जुन राम को नहीं मोदी को वोट दिए हैं। उनकी जीत का दावा मोदी के सहारे ही है। वे खुद ही कमल को उम्मीदवार बताकर मोदी के गीत मंचों से गाते रहे हैं। ऐसे में अर्जुन राम का जीतना भी जनता की नजरों में क्या मायने रखता है? यानि अब जनता अर्जुन राम को ज्यादा पसंद नहीं कर रही है। कांग्रेस और भाजपा के प्रवक्ता और नेता, तटस्थ विश्लेषक एक मंच पर बैठकर मतदान के बाद बीकानेर संसदीय क्षेत्र में चुनावी स्थितियां की समीक्षा की। हालांकि भाजपा के नेताओ ने तो बढ चढ़ कर दावे किए, परन्तु समीक्षा में आए तथ्यों के निष्पक्ष आकलन से सारी तस्वीर स्पष्ट हो गई। मतदान बाद बीकानेर संसदीय क्षेत्र की समीक्षा बैठक में कांग्रेस के प्रवक्ता नितिन वत्स, भाजपा के प्रवक्ता अशोक भाटी, अनिल शुक्ला, भाजपा संसदीय प्रभारी सत्य प्रकाश आचार्य, सुमित शर्मा, एडवोकेट अजय पुरोहित, राजनीतिक विश्लेषक रमेश अरोडा, विनोद जोशी समेत अन्य लोग शामिल हुए। इस समीक्षा रिपोर्ट में अनूपगढ़ से प्रेम चन्द अत्री, लूणकरनसर और श्रीडूंगरगढ़ के विजय महर्षि, नोखा से एस. के. तिवाड़ी, श्रीकोलायत से विरेन्द्र पुरोहित और बीकानेर शहरी की दोनों विधानसभा सीट से सुमित शर्मा की ग्राङण्ड रिपोर्ट शामिल की गई है। रिपोर्ट में बीकानेर संससदीय क्षेत्र की आठ विधानसभा सीटों में से अनूपगढ़ और खाजूवाला में कांग्रेस की लीड का दावा किया गया है। इसके अलावा चार विधानसभा लूणकरनसर, श्रीडूंगरगढ़, नोखा और श्रीकोलायत के ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस प्रत्याशी के आगे रहने की ग्रांङण्ड रिपोर्ट रखी गई। बीकानेर शहरी क्षेत्र की दोनों सीटों को मिलाकर भाजपा प्रत्याशी के कमोबेश एक लाख वोट की बढ़त का दावा किया गया। वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम के खिलाफ मेघवाल और जाट मतदाता नाराजगी बताई गई। बीकानेर संसदीय क्षेत्र में लोकसभा चुनाव में कुल 53.96 प्रतिशत मतदाना हुआ है। इसमें अनूपगढ़ विधानसभा क्षेत्र में सार्वधिक 67.10 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा की यहां से लीड रही है। इस बार अजा जजा और पंजाबी वोट कांग्रेस के पक्ष में होने का दावा है। खाजूवाला 57.59 प्रतिशत मतदान में ग्रामीण और मुस्लिम मतदाताओं का झुकाव कांग्रेस के प्रति होना बताया गया। बीकानेर पश्चिम में 63.51, और पूर्व में 61.40 प्रतिशत मतदान में मिलाकर भाजपा करीब एक लाख की लीड लेने का दावा है। श्रीडूंगरगढ़ 48.98 में कस्बे में भाजपा और ग्रामीण इलाके में कांग्रेस का पक्ष मजबूत बताया जा रहा है। श्रीकोलायत में 46.20 में इस बार मेघवाल और जाट वोटों का ध्रुवीकरण गोविंद राम की तरफ रहा है। , लूणकरणसर 50.10 प्रतिशत वोटों में कांग्रेस भारी मानी जा रही है। नोखा में 40.27 प्रतिशत मतदान हुआ है। कम वोट डालना भाजपा को नुकसान में बताया जा रहा है। इन सब फैक्टर के बीच मोदी और केंद्र सरकार के कामों को जनता ने तहदिल से स्वीकार किया है। अर्जुन राम के प्रति इस बार मुखर विरोध देखने को मिला है। अर्जुन राम की आलोचना करने वाला हर व्यक्ति अंततः तो यही कहता सुनाई दिया कि वोट तो मोदी के नाम पर भाजपा को ही देंगे। भाजपा और मोदी समर्थकों ने अर्जुन राम के प्रति नाराजगी के बावजूद फूल को ही वोट दिया भी है, जो सब फैक्टर को बैलेंस कर बीकानेर में भाजपा को फिर से आशीर्वाद देता दिखाई दे रहा है। जबकि कांग्रेस के पक्ष में दावा करने वाले ग्रामीण मतदाता, जाट, मुस्लिम और मेघवाल मतदाता के बूते अपनी नैया पार लंघाती मानते है।

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