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बीकानेर, खरीफ 2021 में जिले में सूखे की स्थिति के कारण हुए नुकसान के आंकलन हेतु अंतर मंत्रालय केंद्रीय दल द्वारा बुधवार को सूखा प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर नुकसान का जायजा लिया। केंद्रीय अध्ययन दल ने कोलायत  व लूणकरनसर उपखंड क्षेत्र के गांवों का दौरा कर, ग्रामीणों से सूखा के संबंध में फीड बैक लिया।

अंतर मंत्रालय केन्द्रीय दल में शामिल भारत सरकर केे अतिरिक्त सलाहकार पेयजल एवं स्वच्छता विभाग राजशेखर , आरबी कौल सलाहकार व्यय विभाग नई दिल्ली व सहायक निदेशक कृषि मंत्रालय  ने उपखण्ड लूणकरनसर के गांव बामनवाली, मेहराना-जैसा व धीरेरा तथा कोलायत उपखण्ड के गांव कोटडा, खारी चारणान, मोडिया मानसर का अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) बलदेवराम धोजक व अधिकारियों के साथ भ्रमण किया एवं किसानों से सूखे की स्थिति के बारे में चर्चा की। उन्होंने किसानों से फसल बीमा क्लेम, शुद्ध पेयजल, पशु चारा, मनरेगा में रोजगार, पीएम किसान सम्मान निधि योजना में मिलने वाले लाभ के बारे में जाना।
केंद्रीय अध्ययन दल ने सूखा प्रभावित इलाकों की समसामयिक स्थितियों के बारे में जानकारी ली और पंचायत समिति कोलायत के ग्राम कोटड़ा, खारी चारणान व मोडिया मानसर में चौपाल लगाकर ग्रामीणों, किसानों तथा पशुपालकों से सीधा संवाद किया और पेयजल पशुपालन खेती-बाड़ी तथा सूखा के दौरान आजीविका व  जनजीवन के बारे में विस्तार से चर्चा की।
अन्तर मंत्रालय केन्द्रीय अध्ययन दल के अधिकारियों ने इस दौरान ग्रामीणों से फीडबैक लेते हुए कहा कि उनकी भावनाओं को सरकार तक पहुंचाया जाएगा। दल के अधिकारियों ने तसल्ली से ग्रामीणों को सुनो और ग्राम्य जनजीवन के बारे में विस्तार से पूछा। उन्होंने गांव में ड्रिंकिंग वाटर, पशुओं के लिए चारा की उपलब्धता, पीएम आवास योजना के बारे में भी पूछा।  उन्होंने ग्रामीणों से खरीफ फसल के दौरान कौन-कौन सी फसल ली जाती है और कितना उत्पादन हुआ है, उसके बारे में भी ग्रामीणों से जानकारी ली । ग्रामीणों ने बताया वर्षा आधारित एक ही फसल बारानी क्षेत्र में ली जाती है। बरसात होने के कारण हमने ग्वार, तिल, बाजरा व मोठ की बिजाई की थी ,परंतु समय पर बरसात नहीं होने की वजह से फसल बर्बाद हो गई और पशुओं के लिए चारा की भी समस्या है। ग्रामीणों ने महा नरेगा में कार्य स्वीकृत करवाने तथा शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए व्यापक प्रयास करने, बरसात की कमी की वजह से फसलों के खराबी, घास की कमी और पशुपालन पर संकट आदि के साथ ही विभिन्न समस्याओं पर ध्यान आकर्षित किया। ग्रामीणों ने केंद्रीय अध्ययन दल के समक्ष अपनी बात रखी और विश्वास व्यक्त किया की सरकार द्वारा इस दिशा में व्यापक प्रयास जल्द ही किए जाएंगे।
एडीएम धोजक ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्रामीणों द्वारा प्रस्तुत  समस्याओं का समाधान तथा शिकायतों का निस्तारण जल्द से जल्द किया जाए।
*दौरे में रही इनकी उपस्थिति*-इस दौरान अतिरिक्त जिला कलेक्टर (प्रशासन) बलदेव राम धोजक, एसडीएम कोलायत प्रदीप कुमार चाहर, विकास अधिकारी कोलायत दिनेश सिंह भाटी, संयुक्त निदेशक कृषि विभाग डॉ उदय भान, सहायक निदेशक कृषि रामकिशोर मेहरा, अधीक्षण अभियंता जलदाय विभाग बीरबल सिंह, संयुक्त निदेशक पशुपालन वीरेंद्र नेत्रा, सेन्ट्रल कॉपरेटिव बैंक के एम डी रणवीर सिंह उपस्थित रहे।
*अधिकारियों के साथ बैठक में की चर्चा*-अन्तर मंत्रालयी केन्द्रीय दल ने बीकानेर के सूखा प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने के बाद कलेक्ट्रेट सभागार में राजस्व, कृषि, पशुपालन, जलदाय, सहकारिता विभाग के अधिकारियों के साथ जिले में सूखा की स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने जिले में चारा की उपलब्धता, चारा डिपो, पेयजल की उपलब्धता, फसलबीमा क्लेम के बकाया भुगतान के बारें में जानकारी ली।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर (प्रशासन) बलदेव राम धोजक, जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नित्या के., कोलायत उप खण्ड अधिकारी प्रदीप चाहर,, लूणकनसर उपखण्ड अधिकारी अशोक रिणवा, बीकानेर, श्रीडूंगरगढ़,खाजूवाला, उप निदेशक कृषि कैलाश चौधरी, सहित पानी, पशुपालन, कॉपरेटिव डिपार्टमेंट के अधिकारी शामिल हुए।
अतिरिक्त जिला कलक्टर बलदेवराम धोजक ने पॉवर प्रजन्टेशन के माध्यम से जिले की  भौगोलिक स्थिति, जनसंख्या, बरसात का औसत, सूखा पड़ने के कारणों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिले की कुल 9  तहसीलों में से 6 तहसील सूखा से प्रभावित हुई है। उन्होंने बताया कि खरीफ फसल 2021 में 6 तहसीलों के 162 गांवों को सूखे के कारण अभावग्रस्त घोषित किया गया है। उन्होंने बताया कोलायत, लूणकरनसर, श्रीडूंगरगढ़, नोखा, छत्तरगढ़ व खाजूवाला तहसील के प्रभावित 64848 किसानों को कृषि आदान-अनुदान वितरण के लिए कुल 75.41 करोड़ रूपये का बजट मांग प्रस्तावित की गई है।

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