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बीकानेर,खरीफ की फसल मूंगफली में होने वाले विभिन्न रोगों से बचाव, उपचार, खरपतवार से बचाव सहित विभिन्न विषयों पर किसानों में जागरूकता के लिए स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विशेष पहल की गई है। विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांव पेमासर में शुक्रवार को मूंगफली फसल में पादप संरक्षण पर एक विशेष संस्थागत प्रशिक्षण आयोजित किया गया। इस दौरान किसानों को मूंगफली में होने वाले विभिन्न रोग जैसे जड़ गलन, कॉलर रोट एवं टीका बीमारी आदि के बारे में जानकारी देते हुए किसानों की शंकाओं का समाधान किया गया।
कार्यक्रम में कुलगुरु डॉ. अरुण कुमार ने कहा कि
मूंगफली फ़सल में होने वाले रोग का सही समय पर सही उपचार कर अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। किसानों को पूरी जानकारी देने के लिए विश्वविद्यालय निरंतर सहयोग करेगा। जैविक कृषि अपनाने पर जोर देते हुए डॉ अरुण कुमार ने कहा कि किसान विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा मूंगफली के वैल्यू एडिशन पर प्रशिक्षण का भी लाभ लें।
पेमासर सरपंच तोलाराम कूकना ने विश्वविद्यालय द्वारा दी गई तकनीक की जानकारी का लाभ लेने का आह्वान करते विश्वविद्यालय के प्रति आभार व्यक्त किया।
प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ नीना सरीन ने प्रशिक्षण के उद्देश्य पर विस्तृत बात रखी। डॉ दाता राम ने मूंगफली में जड़ गलन, कॉलर रोट एवं टीका बीमारी तथा उपचार की जानकारी दी।डॉ हनुमान लाल देशवाल ने मूंगफली में लगने वाले मुख्य कीट सफेद लट व हरी लट के नियंत्रण, केवीके बीकानेर के शस्य वैज्ञानिक डॉ. मदन लाल रेगर ने मूंगफली मे पोषक तत्व प्रबंधन, डॉ. शीशपाल सिंह ने मूंगफली में होने वाले विभिन्न खरपतवारों व उपचार की जानकारी दी और किसानों के सवालों के प्रत्युत्तर दिए। केवीके के सहायक आचार्य डॉ. बीडीएस नाथावत ने मूंगफली में होने वाली मुख्य बीमारियों का जैविक उपचार के बारे में बताया।
इस दौरान अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय बीकानेर डॉ. विजय प्रकाश, उपनिदेशक प्रसार शिक्षा डॉ राजेश कुमार वर्मा, सहित अन्य कृषि वैज्ञानिक, अधिकारी तथा बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।

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