
बीकानेर,जीवन में परस्पर संबंधों के पोषण की दिशा में एक सार्थक प्रयास है अंतर्संबंध। एक प्रयास और जनता के जागरूकता मिशन को समझने का संवाद। जब किसी जागरूकता मिशन के लिए प्रयास किए जाते हैं, तो जनता के साथ संवाद बहुत महत्वपूर्ण है। यह प्रक्रिया जनता को मिशन के उद्देश्यों और उसकी महत्ता से जोड़ने का काम करती है। इसके लिए प्रयास और जनता के बीच स्वस्थ बातचीत की आवश्यकता होती है, ताकि संदेश सही तरीके से पहुंच सके।
मातृशक्ति बिन्दु चौधरी की साइबर सुरक्षा से वैश्विक मंच तक की प्रेरणादायक यात्रा
बिन्दु चौधरी
मातृशक्ति की साइबर सुरक्षा से वैश्विक मंच तक की प्रेरणादायक यात्रा – एक संवाद
परिचय
सशक्त, संवेदनशील और समर्पित – ये तीन शब्द यदि किसी एक शख्सियत पर पूरी तरह फिट बैठते हैं, तो वह हैं बिन्दु चौधरी जी।
साइबर सुरक्षा जैसे तकनीकी क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर जी-20 समिट में सम्मानित होने वाली और 22 देशों में पुरस्कार प्राप्त करने वाली एकमात्र भारतीय मातृशक्ति, जो न केवल राजस्थान एवं गुजरात की ब्रांड एंबेसडर हैं, बल्कि 2021 से पुलिस विभाग के साथ सक्रिय रूप से कार्यरत हैं।
उनकी बहुआयामी प्रतिभा ने रेडियो, दूरदर्शन और एफएम पर जॉकी, मंच संचालिका, अंतरराष्ट्रीय पेपर प्रेजेंटर, ग्लोबल ट्रेनर, शिक्षा क्षेत्र में डिजिटल दक्षता की प्रतीक, और सामाजिक अभियानों की प्रेरक के रूप में उन्हें बहुमुखी पहचान दिलाई है।
उन्होंने शिक्षा, साइबर सुरक्षा, महिला सशक्तिकरण, बाल संरक्षण जैसे विषयों पर ना सिर्फ भारत बल्कि इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया, रूस, दुबई व श्रीलंका जैसे देशों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।
बिन्दु चौधरी
साक्षात्कार
प्रश्न १. बिन्दु जी, आपकी अब तक की यात्रा बहुत प्रेरणादायक रही है। इसकी शुरुआत कैसे हुई?
उत्तर: “मैंने अपनी यात्रा एक रेडियो जॉकी के रूप में शुरू की। मंच से बोलना, जनसंपर्क स्थापित करना और फिर तकनीकी क्षेत्र खासकर साइबर सुरक्षा में कदम रखना, यह मेरे भीतर की जिज्ञासा और सेवा भावना का परिणाम रहा। मेरी प्रेरणा हमेशा यही रही कि मैं जो भी जानूं, वो समाज के लिए उपयोगी बनाऊं।”
प्रश्न २. G-20 समिट में राष्ट्रीय स्तर पर आपको कैसे चुना गया और ये अनुभव कैसा रहा?
उत्तर: “G-20 समिट में मेरा चयन मेरी साइबर जागरूकता अभियानों, ऑनलाइन सेशन, और पुलिस विभाग के सहयोग से किए गए प्रशिक्षण कार्यों के आधार पर हुआ। एकमात्र भारतीय मातृशक्ति के रूप में सम्मानित होना मेरे लिए गर्व और उत्तरदायित्व दोनों लेकर आया।”
प्रश्न ३. साइबर क्षेत्र में बाईस देशों में पुरस्कार प्राप्त करने वाली एक मात्र भारतीय महिला होने का अनुभव कैसा रहा?
उत्तर: “यह मेरे लिए एक विशेष गौरव का क्षण था, जब मेरी बातों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर महत्व मिला। मुझे लगा कि मेरी मातृभूमि की बातें, हमारे मूल्य, अब सीमाओं से परे जा रहे हैं।”
प्रश्न ४. राजस्थान और गुजरात की ब्रांड एंबेसडर के रूप में आपकी भूमिका क्या रही?
उत्तर: “मेरी भूमिका युवाओं और महिलाओं को डिजिटल सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और शिक्षा के क्षेत्र में जागरूक करने की रही। इन राज्यों में मैंने कई कार्यशालाएं कीं और सरकारी अभियानों में प्रतिनिधित्व भी किया।”
प्रश्न ५. पुलिस विभाग के साथ आपके कार्य किस प्रकार के हैं?
उत्तर: “2021 से मैं साइबर अपराधों से बचाव, महिला और बच्चों की सुरक्षा, और सोशल मीडिया उपयोग की समझ को लेकर पुलिस के साथ मिलकर सेमिनार, प्रशिक्षण और सार्वजनिक संवाद करती रही हूं।”
प्रश्न ६. आपने राज्य एवं जिला स्तरीय चुनावों में स्वीप कोऑर्डिनेटर टीम में के रूप में क्या जिम्मेदारी निभाई?
उत्तर: “मैंने राज्य और जिला स्तर पर वोटिंग अवेयरनेस कैंपेन में मंच संचालन, युवा संवाद, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से मतदाता जागरूकता को बढ़ावा दिया।”
प्रश्न ७. मंच संचालन के क्षेत्र में आपका अनुभव कैसा रहा?
उत्तर: “जवाहर कला केंद्र, राष्ट्रीय संगोष्ठियां और शासकीय मंचों पर संचालन करते हुए मैंने महसूस किया कि आवाज और संवाद से ही समाज जुड़ता है। मंच मेरी अभिव्यक्ति का माध्यम रहा है।”
प्रश्न ८. अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में पेपर प्रेजेंटेशन का आपका फोकस क्या होता है?
उत्तर: “मैं साइबर सुरक्षा, डिजिटल शिक्षा, महिला सुरक्षा, और मीडिया की भूमिका जैसे विषयों पर शोध पत्र प्रस्तुत करती हूं। उद्देश्य यह रहता है कि भारत की जमीनी समझ को वैश्विक नजरिए से जोड़ा जा सके।”
प्रश्न ९. अंतरराष्ट्रीय ट्रेनिंग सत्रों के बारे में कुछ बताइए?
उत्तर: “मैंने इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर साइबर सुरक्षा, बाल सुरक्षा, और महिला सशक्तिकरण पर सत्र लिए। रूस, दुबई और श्रीलंका से भी जुड़कर संवाद करना गौरव की बात रही।”
प्रश्न १०. आप शिक्षा के क्षेत्र में कैसे योगदान दे रही हैं?
उत्तर: “कक्षा 11-12 के अंग्रेजी और साहित्य विषय के 700+ वीडियो मैंने मिशन ज्ञान ऐप और यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध कराए हैं। डिजिटल दक्ष शिक्षक के रूप में मेरा प्रयास यही रहा है कि शिक्षा सभी तक सहजता से पहुंचे।”
प्रश्न ११. ‘स्पर्श’ के साथ आपकी भूमिका क्या है?
उत्तर: “गुड टच और बैड टच विषय पर बच्चों और अभिभावकों को संवेदनशील और जागरूक बनाने हेतु स्पर्श ऑर्गनाइजेशन के साथ मिलकर स्कूलों में प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित करती हूं।”
प्रश्न १२. सोशल वर्क के प्रति आपकी दृष्टि क्या है?
उत्तर: “समाज को लौटाना मेरा कर्तव्य है। महिलाओं, बच्चों, और युवाओं के लिए मैं निःस्वार्थ प्रशिक्षण, साइबर जागरूकता, और भावनात्मक समर्थन के प्रोजेक्ट संचालित करती हूं। इस दिशा में कई संस्थाओं ने मुझे सम्मानित किया है।”
प्रश्न १३. NCERT में एक्सपर्ट के रूप में आपकी भूमिका कैसी होती है?
उत्तर: “NCERT दिल्ली के लाइव कार्यक्रमों में मैं विषय विशेषज्ञ के रूप में आमंत्रित होती हूं। बच्चों को रोचक और सटीक जानकारी देना मेरा प्राथमिक उद्देश्य होता है।”
प्रश्न 14. क्या कभी आपको कठिनाइयाँ आईं इस यात्रा में?
उत्तर: “जी हाँ, कई बार चुनौतीपूर्ण परिस्थितियाँ आईं। लेकिन संकल्प, अनुशासन और परिवार का समर्थन मुझे निरंतर आगे बढ़ाता रहा।”
प्रश्न 15. आपके अनुसार आज की मातृशक्ति को सबसे ज्यादा किस क्षेत्र में जागरूक होने की जरूरत है?
उत्तर: “आज की मातृशक्ति को सबसे पहले डिजिटल सुरक्षा, भावनात्मक संतुलन, और स्वयं की पहचान को समझने की आवश्यकता है। जब एक स्त्री जागरूक होती है, तब पूरा समाज सुरक्षित और विकसित होता है।”
उपसंहार
बिन्दु चौधरी जी की यह यात्रा इस बात का प्रमाण है कि जब मातृशक्ति संकल्प के साथ आगे बढ़ती है, तो वह सीमाओं को नहीं, संभावनाओं को चुनती है। उनकी कर्मठता, बहुआयामी प्रतिभा, और समाज के प्रति समर्पण उन्हें आज की पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत बनाते हैं।