उदयपुर में चल रहे कांग्रेस के नव संकल्प शिविर में कुछ बहुत अहम प्रस्ताव रखे गए हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस चिंतन शिविर के दौरान पार्टी नेतृत्व के सामने उनके बंद दरवाजे पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए खोलने का प्रस्ताव रखा गया है.
सूत्रों के मुताबिक ये मांग रखी गई है कि कांग्रेस अध्यक्ष हर हफ्ते एक दिन पार्टी के कार्यकर्ताओं से खुद मिले और उनसे संवाद करें. गौरतलब है कि अरसे से कांग्रेस के भीतर ही कई नेता और कार्यकर्ता ये शिकायत करते रहे हैं कि पार्टी अध्यक्ष से वो सालों से मिल नहीं पाते और उनकी बात तक नहीं सुनी जाती है.
पार्टी पदाधिकारियों की हो सालाना ऑडिटिंग
कुछ प्रतिनिधियों द्वारा बड़ा और अहम प्रस्ताव ये भी रखा गया है कि महासचिव से लेकर, जिला अध्यक्षों और सांसद-विधायकों और सभी फ्रंटल संगठनों तक सभी के तमाम कार्यक्रमों की सालाना आडिटिंग भी कराई जानी चाहिए.
ग्रीवांस सेल के गठन को लेकर भी उठी बात
यही नहीं, चिंतन शिविर के दौरान ये प्रस्ताव भी रखा गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष को एक ग्रीवांस सेल का गठन भी करना चाहिए जो कांग्रेस अध्यक्ष के साथ मिलकर नेताओं और कार्यकर्ताओं के शिकायतों का निपटारा कर सके. ये सुझाव भी आया है कि कांग्रेस अध्यक्ष को केवल संगठन के नेताओं और कार्यकर्ताओं के अलग अलग व्हाट्सएप ग्रुप बना कर उसमें अक्सर तमाम मुद्दों पर अपने वीडियो संदेश भेजा करें.
बीजेपी पर लगाया नफरत फैलाने का आरोप
गौरतलब है कि इस समय उदयपुर में कांग्रेस का चिंतन शिविर चल रहा है. इस चिंतन शिविर की बात करते हुए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दो टूक कहा कि संगठन के सामने अभूतपूर्व स्थिति है. उन्होंने कहा कि हमें सुधारों और रणनीति में बदलाव की सख्त जरूरत है. असाधारण परिस्थितियों का सामना असाधारण तरीके से ही किया जा सकता है. इस दौरान सोनिया गांधी ने अल्पसंख्यकों पर हमले का मुद्दा उठाते हुए जहां एक तरफ पीएम मोदी की चुप्पी पर निशाना साधा तो वहीं बीजेपी पर देश में नफरत का माहौल बनाने का आरोप भी लगाया.