
बीकानेर,बेसिक पी.जी. महाविद्यालय, बीकानेर के विज्ञान संकाय द्वारा आयोजित “Innovative Science Expo : Workshop on Life & Physical Science Innovations” का शुभारंभ आज विज्ञान ब्लॉक में बड़े हर्षाेल्लास एवं गरिमामयी वातावरण में हुआ। यह तीन दिवसीय कार्यशाला 24 से 26 जुलाई तक आयोजित की जा रही है, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों की वैज्ञानिक समझ, नवाचार क्षमता और प्रयोगात्मक कौशल को व्यवहारिक मंच प्रदान करना है। कार्यशाला के प्रथम दिवस पर विद्यार्थियों द्वारा भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीवविज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, नैनो टेक्नोलॉजी तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे समसामयिक विषयों पर आधारित विज्ञान मॉडल्स, प्रदर्शनी, लाइव डेमोंस्ट्रेशन और प्रोजेक्ट्स प्रस्तुत किए गए। विद्यार्थियों की रचनात्मकता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण ने आगंतुकों को विशेष रूप से प्रभावित किया।
महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित द्वारा इस कार्यशाला के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि भौतिक विज्ञान के अंतर्गत विद्यार्थियों ने ऊर्जा संरक्षण, लेज़र टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक ट्रेन, थर्मल कन्वर्जन सिस्टम आदि पर आधारित मॉडलों द्वारा विज्ञान के मूल सिद्धांतों को रोचक एवं सरल तरीके से समझाया। रसायन विज्ञान में जल शुद्धिकरण तकनीक, ग्रीन केमिस्ट्री, अम्ल-क्षार अभिक्रियाएँ, और धातु जंग संरक्षण से जुड़े मॉडल प्रस्तुत किए गए। प्राणिविज्ञान खंड में मानव शरीर की कार्यप्रणाली, डीएनए संरचना, पौधों की प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया, जैविक खेती तकनीक इत्यादि विषयों पर विद्यार्थियों ने मॉडल्स व पोस्टर प्रदर्शित किए। वनस्पतिविज्ञान में कचरा प्रबंधन प्रणाली, वर्षा जल संचयन, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत, वायु प्रदूषण नियंत्रण यंत्र, और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न मॉडलों व योजनाओं को प्रस्तुत किया गया, जो वर्तमान समय की वैश्विक पर्यावरणीय चुनौतियों पर सार्थक टिप्पणी करते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) विषय पर आधारित प्रोजेक्ट्स विशेष आकर्षण का केंद्र रहे, जिनमें विद्यार्थियों ने फेस डिटेक्शन सिस्टम और स्मार्ट सिक्योरिटी डिवाइसेज जैसे मॉडलों का निर्माण कर तकनीकी दक्षता और नवाचार की मिसाल पेश की।
प्रत्येक प्रस्तुति में विद्यार्थियों ने अपने मॉडल के सिद्धांत, निर्माण प्रक्रिया, सामाजिक प्रासंगिकता और संभावित सुधारों पर विस्तार से प्रकाश डाला। आगंतुकों- विशेषतः विद्यालयों से आए छात्रों ने इन मॉडलों को न केवल उत्सुकता से देखा, बल्कि अपने प्रश्नों के माध्यम से वैज्ञानिक जिज्ञासा भी प्रदर्शित की। इस प्रदर्शनी ने स्पष्ट किया कि विज्ञान केवल पाठ्यक्रम तक सीमित न होकर, जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में समाधान प्रस्तुत करने की क्षमता रखता है। विद्यार्थियों की रचनात्मकता, वैज्ञानिक सोच और प्रस्तुति कौशल ने सभी उपस्थित जनों पर गहरा प्रभाव छोड़ा और उन्हें भविष्य में वैज्ञानिक अनुसंधान एवं नवाचार की दिशा में सोचने के लिए प्रेरित किया।
कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर डॉ. नवदीप सिंह बैंस, प्राचार्य, राजकीय एम.एस. कॉलेज बीकानेर, डॉ. रविन्द्र मंगल, पूर्व प्राचार्य, राजकीय एमएलबी महाविद्यालय नोखा, श्री हरिशंकर आचार्य, उपनिदेशक, सूचना एवं जनसम्पर्क कार्यालय बीकानेर, डॉ. उज्ज्वल गोस्वामी, व्याख्याता, राजकीय एम.एस. महाविद्यालय, महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री रामजी व्यास अतिथियों रूप में उपस्थित रहे। सभी अतिथियों द्वारा विद्यार्थियों की वैज्ञानिक सोच, रचनात्मकता एवं प्रस्तुति कौशल की सराहना की। उन्होंने अपने संबोधनों में बताया कि इस प्रकार की कार्यशालाएं छात्रों को केवल शैक्षणिक ज्ञान ही नहीं, बल्कि अनुसंधान, प्रयोग और समाज से जुड़ाव का व्यावहारिक अनुभव भी प्रदान करती हैं। वक्ताओं ने यह भी स्पष्ट किया कि विज्ञान की सार्थकता तभी है जब वह पुस्तकों और प्रयोगशालाओं से आगे बढ़कर समाज की समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करे। विद्यार्थियों द्वारा प्रदर्शित विज्ञान मॉडल्स और परियोजनाएँ इस बात का प्रमाण हैं कि युवा पीढ़ी न केवल तकनीकी दक्षता रखती है, बल्कि उनमें सामाजिक चेतना भी विद्यमान है। उन्होंने विज्ञान को जन-जन तक पहुँचाने के लिए विद्यार्थियों के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें भविष्य के वैज्ञानिक, नवप्रवर्तक और संवेदनशील नागरिक बताया।
महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री रामजी व्यास एवं प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए प्रतीक चिह्न प्रदान कर उनका सम्मान किया। प्रथम दिवस के आयोजन को लेकर विद्यार्थियों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। राजकीय एवं निजी विद्यालयों से लगभग 500 से अधिक छात्र-छात्राएँ प्रदर्शनी देखने पहुँचे। उन्होंने न केवल विभिन्न प्रोजेक्ट्स को देखा, बल्कि अपने प्रश्नों के माध्यम से संवाद भी स्थापित किया, जिससे एक ज्ञानवर्धक वातावरण बना।
कार्यशाला के अगले दो दिनों में भी विविध गतिविधियों, अतिथि व्याख्यानों एवं छात्र परियोजनाओं का प्रदर्शन जारी रहेगा। इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक स्टाफ सदस्यों का उल्लेखनीय योगदान रहा।