
बीकानेर,पर्यटन लेखक संघ व महफिले-अदब की साप्ताहिक काव्य गोष्ठी होटल मरुधर हेरिटेज में आयोजित हुई। इस गोष्ठी में हिंदी और उर्दू के रचनाकारों ने अपनी उत्कृष्ट रचनाएं प्रस्तुत कर श्रोताओं की वाहवाही बटोरी।
गोष्ठी के मुख्य अतिथि पूर्व प्रिंसिपल चिंतक, व लेखक प्रोफेसर डॉ. नरसिंह बिनानी ने नवाचार पर अपनी हास्य व्यंग्य रचना सुनाई—
“अनेक रोगों की एक दवा समाई नवाचार में,
भ्रष्टाचार के नए-नए तरीके छिपे हैं नवाचार में।”
गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कमल किशोर पारीक ने मां को समर्पित रचना प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि पर्यटन लेखक संघ की साप्ताहिक गोष्ठियां बीकानेर में साहित्य को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा रही हैं, जहां हिंदी, उर्दू और राजस्थानी साहित्य को मंच मिल रहा है।
आयोजक डॉ. ज़िया उल हसन कादरी ने बेवफा दोस्तों पर रचना प्रस्तुत कर खूब दाद बटोरी—
“जिनमें खुलूस है, न मुहब्बत का नाम है,
उन दोस्तों को दूर से अपना सलाम है।”
गोष्ठी में वरिष्ठ शायर जाकिर अदीब, असद अली असद, वली मुहम्मद गौरी वली रजवी, डॉ. जगदीश दान बारहठ, अमर जुनूनी, भगवती पारीक, सरोज शर्मा और अब्दुल शकूर सिसोदिया ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर महफिल को आगे बढ़ाया।
गोष्ठी का संचालन डॉ. ज़िया उल हसन कादरी ने किया, जबकि प्रो. टी. के. जैन ने आभार व्यक्त किया।