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श्रीडूंगरगढ़,बीकानेरउपखंड श्रीडूंगरगढ़ के ग्राम लोडेरा ग्राम में एक दुर्लभ घटनाक्रम ने वन्य जीव संरक्षण के प्रति ग्रामवासियों की प्रतिबद्धता को उजागर किया है। ग्राम में करंट लगने से गंभीर रूप से घायल मोर की जान बचाने के लिए वहां के स्थानीय ग्रामवासी, वन्य जीव प्रेमी और वन विभाग की टीम ने मिलकर तत्परता और संवेदनशीलता का परिचय दिया। यह घटना उस समय सामने आई जब गांव के बाबूलाल और रामलाल गोदारा ने एक मोर को बिजली के तार से करंट लगने के बाद तड़पते हुए देखा। उन्होंने बिना समय गंवाए तुरंत मोर को प्राथमिक उपचार दिया घटना स्थल पर बाबूलाल व रामलाल गोदारा ने घायल मोर का प्राथमिक उपचार किया। तत्पश्चात बिजली विभाग के कर्मचारी अमराराम गोदारा ने सदा तत्पर रहने वाले शूरवीर मोदी एवं निहालचंद धारणियां को सूचना दी। इन वन्य जीव प्रेमियों ने तुरंत वन विभाग के एसीएफ सत्यपाल सिंह को जानकारी दी। एसीएफ ने तत्काल रेंज श्रीडूंगरगढ़ की रेस्क्यू टीम को सक्रिय किया। टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर घायल मोर का सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया।
यह समस्त कार्य मात्र एक घंटे के भीतर संपन्न हुआ, जो ग्रामवासियों और वन विभाग के बीच सामंजस्य एवं त्वरित सहयोग का उदाहरण प्रस्तुत करता है। सहायक वन संरक्षक सत्यपाल सिंह ने इस पूरे घटनाक्रम में ग्रामीणों के सहयोग की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “इस प्रकार की तत्परता व संजीदगी वन संरक्षण के प्रति समाज की जागरूकता को दर्शाती है। जिस तरह से ग्रामीणों ने एकजुट होकर इस घायल मोर की मदद की, वह सराहनीय है। यह दर्शाता है कि हमारे क्षेत्र में वन्यजीवों के प्रति गहरी संवेदनशीलता है।” उन्होंने आगे कहा कि अगर क्षेत्रवासियों का सहयोग इसी प्रकार आगे जारी रहे, तो यह क्षेत्र वन्य जीव संरक्षण के क्षेत्र में एक मिसाल स्थापित करेगा।

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