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बीकानेर,संभाग के सबसे बड़े राजकीय महाविद्यालय डूंगर महाविद्यालय में आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा के निर्देशानुसार 12 से 15 फरवरी तक आयोजित छात्रा जागरूकता प्रशिक्षण कार्यक्रम के तृतीय चरण में राजकीय विधि महाविद्यालय की प्रो. मल्लिका परवीन का “महिला अधिकारिता कानून” विषय पर सारगर्भित व्याख्यान हुआ। जिसमें उन्होंने अत्यधिक सरल व सुबोध भाषा में आईपीसी एवं सीआरपीसी के कानून में महिला संरक्षण हेतु नवीन बदलाव की विस्तृत जानकारी बालिकाओं के साथ साझा की। छात्राओं की जिज्ञासा का समाधान करते हुए पोक्सो कानून, निर्भया कांड के उपरांत बदली हुई नवीन आपराधिक न्याय प्रणाली, घरेलू हिंसा एक्ट के बारे में कानूनी धाराओं को उदाहरण सहित समझाया। ह्यूमन ट्रैफिकिंग के रोकथाम के कानूनी प्रावधान बताते हुए ऐसे अपराधों से स्वयं को सुरक्षित रखने के लिए सजग रहने को कहा। प्राचार्य प्रो. राजेंद्र पुरोहित ने कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए कहा कि आज के दौर में यद्यपि महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति अत्यधिक जागरुक हैं फिर भी हमारे कानून में महिलाओं को जो अधिकार प्रदत्त हैं उनकी विस्तृत जानकारी हमें होनी चाहिए ताकि हम अपने संपर्क में आने वाली सभी महिलाओं को इनसे लाभान्वित कर सकें। समाज के प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी अत्यन्त हर्ष का विषय है। हमें अपने अधिकारों के साथ कर्तव्यों के निर्वहन के प्रति भी कटिबद्ध रहना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रो. सुनीता गोयल ने कहा कि महिलाओं को उनके साथ होने वाले अत्याचारों की रोकथाम के लिए कानून की जानकारी होना अत्यावशक है। नारी शोषण के दमन हेतु हमारे संविधान व कानून में अनेक प्रावधान हैं लेकिन पूर्ण जानकारी के अभाव में उनका समुचित लाभ महिलाएं नहीं उठा पाती। महिला प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में अत्यधिक संख्या में छात्राओं ने कानूनी जानकारी प्राप्त की। कार्यक्रम में प्रो. श्यामा अग्रवाल, प्रो. सुरुचि गुप्ता, प्रो. प्रेरणा माहेश्वरी, प्रो. अनिला पुरोहित, प्रो. मनीषा अग्रवाल, प्रो. करबी साह, डॉ.अनीता गोयल, डॉ.सुनीता मंडा, डॉ . उमा, डॉ. अर्चना पुरोहित, डॉ. सुषमा सोनी,निधि शर्मा उपस्थिति रहीं।

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