बीकानेर,जिला प्रमुख मोडाराम मेघवाल ने कहा कि समृद्ध और सशक्त किसान मजबूत अर्थव्यवस्था का आधार है। राज्य सरकार किसानों के सशक्तीकरण के लिए अभूतपूर्व योजनाएं लागू करते हुए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। मेघवाल ने जिला परिषद सभागार में मंगलवार को आयोजित कृषि बजट की जिला स्तरीय आमुखीकरण कार्यशाला को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य में दूसरी बार कृषि का अलग से बजट पेश किया गया है। यह कृषि क्षेत्र के विकास में नया आयाम स्थापित करेगा। कृषि, पशुपालन कृषि विपणन और अन्य संबंधित विभाग राज्य सरकार की योजनाओं का अधिकतम लाभ पात्र किसानों तक पहुंचाना सुनिश्चित करें। ऐसी कार्यशालाएं नियमित रूप से आयोजित हो तथा किसानों के साथ नियमित संवाद कर किसानों की समस्याओं का समाधान किया जाए। नोखा विधायक बिहारी लाल बिश्नोई ने कहा कि कृषि और पशुपालन भारतीय अर्थव्यवस्था के आधार स्तंभ है जिनके माध्यम से बड़ी जनसंख्या को रोजगार मिल रहा है। उन्होंने कहा कि अधिकारी कृषि की नई तकनीक व नवाचारों से किसानों को अवगत करवाएं। इस क्षेत्र को मजबूत करने के लिए सरकारों को और कार्य करने की आवश्यकता है। नोखा में कृषि विभाग का सहायक निदेशक कार्यालय खोलने पर उन्होंने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की मुख्य धुरी है। वर्तमान में कृषि में भी तकनीक का उपयोग बढ़ा है इससे लागत कम हुई है और उत्पादकता बढ़ी है । जिला कलेक्टर ने कहा कि बदलते परिदृश्य में किसान भी स्वयं को उद्यमी के रूप में देखें ।जीवन के हर क्षेत्र में जोखिम मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि मौसम की अनिश्चितता के चलते किसानों को संबल देने के लिए राज्य सरकार ने सब्सिडी, फसल और पशु बीमा जैसी योजनाएं लागू की है। प्राथमिक क्षेत्र के विकास से ही अन्य क्षेत्रों को समृद्धि मिलेगी। जोखिम के बावजूद किसान उद्यमिता के भाव रखते हुए आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि कृषि प्रसंस्करण और निर्यात प्रोत्साहन योजना में सरकार द्वारा 2 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जा रही है। किसानों से इन योजनाओं का लाभ लेने की अपील करते हुए जिला कलेक्टर ने कहा कि कार्यशाला से प्राप्त जानकारी अन्य लोगों तक पहुंचाएं और उन्हें इनके लाभ लेने हेतु प्रेरित करें, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति और मजबूत हो सकें और रोजगार के नए विकल्प सृजित हों। जिला कलेक्टर ने युवा पीढ़ी को खेती की और लौटने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा किसानों को इस कृषि बजट का व्यापक लाभ दिलवाना सुनिश्चित किया जाए।
जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नित्या के ने कहा कि ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के विभिन्न घटकों में कृषि विभाग की योजनाओं का क्रियान्वयन और प्रभावी तरीके से किया जाए।
कृषि विस्तार विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ सुरेंद्र सिंह शेखावत ने कृषि बजट के मुख्य बिंदुओं की जानकारी दी और किसानों से इन योजनाओं का लाभ लेने की अपील की। उन्होंने बताया कि कृषक कल्याण कोष के बजट को बढ़ाकर 7 हजार 500 किया गया है। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व उपनिदेशक उद्यान जयपुर महेन्द्र जैन ने भी विभाग के तहत संचालित योजनाओं व बजट बिन्दुओं की जानकारी दी। सहायक निदेशक कृषि विस्तार भैराराम गोदारा ने खरीफ कृषि आदान व्यवस्था पर चर्चा की।
इस अवसर पर संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार कैलाश चौधरी ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया और कहा कि किसानों के हितों के लिए राज्य सरकार द्वारा लागू की गई योजनाओं और घोषणाओं के क्रियान्वयन के लिए विभागीय अधिकारी प्रतिबद्धता से काम करेंगे। कार्यशाला संयोजक के रूप में कृषि अधिकारी मुकेश गहलोत ने समन्वय किया। इस अवसर पर पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ वीरेंद्र नेत्रा ने पशु मित्र योजना, पशुधन निशुल्क आरोग्य दवा योजना, वैक्सीनेशन पर जानकारी साझा की। उपनिदेशक उद्यान हरलाल सिंह बिजारणियां, कृषि विपणन के संयुक्त निदेशक चुन्नीलाल स्वामी ने विभाग की योजनाओं की जानकारी दी। ऊर्जा विभाग के अधीक्षण अभियंता राजेंद्र सिंह मीना ने किसान ऊर्जा मित्र, 100 यूनिट निशुल्क घरेलू बिजली तथा किसानों को 2000 यूनिट तक निःशुल्क विद्युत आपूर्ति सहित विभिन्न विभागीय योजनाओं के बारे में बताया। कार्यशाला में सिंचाई विभाग से सुरेश स्वामी,सहकारिता से रणवीर सिंह द्वारा कृषि घटकों से संबंधित विभिन्न बिंदुओं व योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी गई और किसानों द्वारा की गई जिज्ञासाओं का प्रत्युत्तर दिया गया। इस अवसर पर विभाग के निकिता व्यास, मुकेश मनुजा सहित अन्य अधिकारी तथा जिले के किसान उपस्थित रहे।