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बीकानेर,मानव धर्म प्रचार सेवा संस्थान ओर राधेश्याम सुन्दर देवी तंवर परिवार के संयुक्त तत्वाधान में “श्रीमद् भागवत वाचन “धावङिया मोहल्ले मे बालसंत श्रीछैल बिहारी जी महाराज के मुखारविंद से भव्य श्रीमद् भागवत कथा वाचन किया जा रहा हे। संस्थान के हरिकिशन नागल ने बताया कि तीसरे दिवस “भागवत का पूजन पं विकल्प गोस्वामी नितेश आसदेव द्वारा कथा यजमान “मघराज उमा तंवर व धर्मपरायण राधेश्याम तंवर परिवार” द्वारा करवाया गया। तत्पश्चात तीसरे दिन की कथा वाचन करते हुए बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज ने सृष्टी संरचना, वराह अवतार,राजा दक्ष यज्ञ,भगवान विराट पुरुष एवं हिरण्याक्ष उद्धार की कथा बताई।तत्पश्चात भगवान कपिल द्वारा माता देवहुति को मन ओर इन्द्रियों विषयों को केसे जीते की कथा प्रसंग बतलाते हुवे बालसंत ने अष्टांग योग,सांख्य दर्शन,धुव्र के भक्ति प्रसंग की विस्तृत व्याख्या करते हुए बालसंत श्री छैल बिहारी जी महाराज ने कहा कि समस्त संसार भगवान की माया का चक्र है।ओर संसारिक जीवन मे जीवात्मा विषयों के प्रति आसक्ति ओर इंद्रियों के वशीभूत होकर जीवात्मा ‘लोभ, मोह, रागद्वेष, काम क्रोध अहंकार,आदि के फलस्वरूप मायाचक्र के बंधन मैं बंध जाता है । बालसंत ने कहा मोह आसक्ती ही जीव के जीवन मे दुखो का कारण बनती है। इसलिए उपरोक्त मायावी संसार ओर विकारों को त्याग करने के लिए श्रीमद भागवत ओर हरीनाम का सुमिरन एवं परमात्मा की भक्ति ही जीवात्मा के जीवन को पार कराने का मूल मंत्र हे श्रीमद्भागवत कथा सिद्धांतो का देनिक जीवन अपनाये।, इंद्रियों के वशीभूत जीवात्मा अनेक प्रकार की अनंत इच्छाओं की कामना करता है।ओर वही गैर जरूरी इच्छाएं जीव के दुखों का कारण बनती है,।बालसंत ने कहा कि माया रुपी संसार मे भटके हुए जीवों के जीवन में आए हुए असंतोष के निवारण की मूल कुंजी रूपी अनुपम ग्रंथ है श्रीमद् भागवत कथा। कथा सेवाश्रम मे शंकर,कुनाल,लाला माली, नितेश आसदेव अपनी सेवा दे रहे हे।कल कथा स्थल पर कृष्णजन्मोत्सव मनाया जायेगा

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