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बीकानेर,बीकानेर के सीमावर्ती ज़िले की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में भारत और ओमान की रॉयल आर्मी के जवानों ने युद्धाभ्यास किया.भारत और ओमान की सेनाओं का ये अभ्यास दो सप्ताह तक चला.भारत और ओमान इससे पहले तीन बार संयुक्त युद्धाभ्यास कर चुके हैं. इस अभ्यास को अल नजाह का नाम दिया गया है.

महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में शुक्रवार को कभी तोपें गरज रही थीं। साथ ही फायरिंग की आवाज आ रही थी। दरअसल, पिछले पंद्रह दिनों में भारत और ओमान की सेनाओं ने एक दूसरे से जो भी सीखा, उसका प्रदर्शन किया गया। दोनों देशों ने एक दूसरे के हथियारों की तकनीक सीखी और फिर उन पर हाथ भी आजमाया।भारत और ओमान के बीच ये तीसरा युद्धाभ्यास था, जिसमें दो ओमान में हो चुके हैं। जबकि भारत में भी एक पहले हो चुका है। पंद्रह दिन के युद्धाभ्यास के दौरान भारतीय जवानों ने अपने अत्याधुनिक हथियारों की ओमान के जवानों को जानकारी दी। भारतीय जवानों के हाथ में इन दिनों 7.62mm सिग सॉयर असॉल्ट राइफल, 5.56mm इंसास एलएमजी, 84mm आरएल, 7.62 एमएमजी,नजर आ रही है, जिसने पुरानी गन की जगह ली है। इस गन की क्षमता करीब सौ मीटर तक टारगेट को खत्म करने की है। वहीं ओमान की रॉयल आर्मी के जवानों ने भी निशाने साधे। ये गन भारतीय गन का मुकाबला तो नहीं करती, लेकिन इसकी मारक क्षमता भी सौ मीटर के आसपास ही है।

अभ्यास के दौरान भारत के युद्ध हेलिकॉप्टर, टैंक और राडार तकनीक के बारे में भी जानकारी दी गई। भारतीय जवानों ने बताया कि किस तरह से क्षमता से ज्यादा दूरी तक वार करके दुश्मनों को उड़ाया जा सकता है।

महाजन फिल्ड फायरिंग रेंज में प्रदर्शन के लिए चिड़ासा गांव बसाया हुआ है। युद्धाभ्यास के दौरान बताया गया कि किस तरह ग्रामीणों को आतंकियों से मुक्त कराया जाता है। करीब पंद्रह मिनट के एक ऑपरेशन के दौरान भारतीय हेलिकॉप्टर उड़ता हुआ टारगेट के पास पहुंचा, इस हेलिकॉप्टर से जवान नीचे उतरे। साथ ही टैंकों से उस टारगेट को घेर लिया गया। जवानों ने मौके पर पहुंचकर दो जगह छिपे आतंकियों को ढेर कर दिया।

सैन्य अधिकारी ब्रिगेडियर जितेश ने बताया कि इस तरह का अभ्यास करके हम न सिर्फ अपनी तकनीक से ओमान को अवगत करा रहे हैं, बल्कि उनकी तकनीक भी सीख रहे हैं। आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए जिस दिन दोनों देशों को मिलकर काम करना होगा, तब ये अभ्यास काफी काम आएगा।

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