जयपुर,राजस्थान की सियासत में पल-पल घटनाक्रम बदलता जा रहा है। राजस्थान में मुख्यमंत्री के तौर पर अशोक गहलोत को हटाकर नए मुख्यमंत्री बनाने की बात पर सियासी हलचल तेज है। हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कांग्रेस आलाकमान ने राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपने की पूरी तैयारी कर ली है लेकिन इस बीच गहलोत समर्थक विधायकों ने भी मोर्चा खोल दिया है।
इस बीच निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने बड़ा बयान देते हुए साफ कहा है कि मुख्यमंत्री के तौर पर हमारा नाम अशोक गहलोत है अगर अशोक गहलोत की जगह किसी और के नाम पर सहमति बनती है तो निर्दलीय विधायक समर्थन नहीं देंगे। बता दें की ऐसे में तो सरकार गिरने का ख़तरा भी मंडरा सकता है।
सचिन पायलट के CM बनने के नाम पर कांग्रेस में संकट बढ़ने के आसार इस लिहाज से भी बढ़ गए हैं क्योंकि गहलोत सरकार के नंबर वन मंत्री शांति धारीवाल के घर पर विधायक दल की बैठक से पहले एक प्री मीटिंग भी विधायकों ने की है जिसमें कई गहलोत समर्थक विधायक पहुंचे।
माना जा रहा है इसमें भी कुछ इस तरह के ठोस रणनीति बनी है कि पायलट को सीएम बनने से रोका जा सके। और कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बनाने की रणनीति भी तैयार की गई है। इस बैठक में विधायक दीपचंद खेरिया, जेपी चंदेलिया, नगराज मीणा, संयम लोढ़ा, लक्ष्मण मीणा,अर्जुन बामणिया, महेंद्रजीत मालवीय, विनोद चौधरी, चेतन डूडी, रफीक खान, आलोक बेनीवाल, गोपाल मीणा,दानिश अबरार,पदमाराम मेघवाल, अमीन खान, मंजू मेघवाल, महेंद्र विश्नोई, बाबु लाल नागर, अमित चाचान, गंगा देवी, प्रीति शक्तावत, महादेव सिंह खंडेला, राजेन्द्र पारीक, मंत्री सुभाष गर्ग, भंवर सिंह भाटी, महेश जोशी, ममता भूपेश, गोविंद राम मेघवाल सहित कई विधायक पहुंचे। मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय, बीडी कल्ला महेश जोशी और संयम लोढ़ा भी पहुंचे। हनुमानगढ़ विधायक विनोद लीला वाली,महादेव सिंह खण्डेला, गोपाल मीणा भी बैठक में पहुंचे।
हालांकि राजस्थान में मचे सियासी घमासान के बीच सीएम गहलोत ने आज जैसलमेर दौरे पर रहे। यहां उन्होंने तनोट माता के दर्शन भी किए। इस दौरान मीडिया से बातचीत में कहा कि, ‘अब मुझे राजनीति करते हुए 40 साल से ज्यादा हो गए हैं। केंद्र में, प्रदेश में कई पदों पर रहा हूँ, अब नई पीढ़ी को चांस मिलना चाहिए।’