
जयपुर। निर्दलीय विधायक संयम लोढा ने दो मामलों को लेकर विधानसभा सचिव को विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव दिए हैं। ये मामले राजस्व और गृह से जुड़े हुए हैं। लोढा ने कहा कि सरकार ने सदन में दोनो ही विभागों से जुड़े मामलों की जांच का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ।
संयम लोढा ने विधानसभा सचिव को भेजे प्रस्ताव में बताया कि पन्द्रहवीं विधानसभा के चतुर्थ सत्र में पिंडवाड़ा तहसील के बनास ग्राम में भूमि रूपान्तरण के सम्बन्ध में फर्जी आदेश का हवाला देकर नामांतरण की कार्यवाही का मामला उठाया था। राजस्व मंत्री ने फरवरी, 2020 में सदन में जवाब प्रस्तुत कर पूरे प्रकरण की जांच राजस्व सचिव से कराने की घोषणा की थी। दो वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक कोई जांच नहीं हुई। इसी तरह सिरोही जिलेे के बरलूट थाना अंतर्गत निर्दोष नागरिक को हत्या के मामले में झूठा फंसाने का मामला इसी साल 15 मार्च को सदन में सूचीबद्ध था। इस प्रकरण की जांच सात दिन में करवाने की घोषणा की गई थी। सरकार की ओर से सदन में की गई घोषणा को दो माह बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई जांच नहीं हुई है। दोनो ही मामलों में सदन की अवमानना हुई है और विधायक के विशेषाधिकारों का हनन हुआ है। इसलिए प्रक्रिया के नियम 157 के तहत विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दिया गया है।
बढ सकती है अफसरों की परेशानी
संयम लोढा ने जो विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव दिए हैं। ये प्रस्ताव राजस्व और गृह सचिव की परेशानी बढ सकती है। सरकार ने सदन में आश्वासन दिया और मामला स्वत: ही दोनो विभागों के प्रमुखों के पास चला गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में यदि विधानसभा यह प्रस्ताव स्वीकार कर लेती है तो अफसरों को लोढा के विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पर जवाब देना होगाा।