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बीकानेर,शिक्षा निदेशालय, बीकानेर के सामने शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ राजस्थान बीकानेर द्वारा मंत्रालयिक संवर्ग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की रिव्यू/नियमित डीपीसी, 86 के वरिष्ठ कर्मचारियों को छोडकर कनिष्ठ कर्मचारियों को पदोन्नति देने एवं प्रकरण को उलझाने की उच्च स्तरीय जांच एवं शिक्षा निदेशालय सहित सम्पूर्ण राजस्थान के कार्यालयों एवं शालाओं में 100 प्रतिशत पदों को प्रदर्शित कर पदोन्नति में पदस्थापन आन-लाइन काउन्सलिंग के माध्यम से करने आदि मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना आज 29वें दिन प्रातः 11 बजे से जारी रहा।

आचार्य ने बताया कि शासन एवं प्रशासन ने उक्त वर्णित मांगों को मानकर संघ को सूचित नहीं किया गया है, इससे कर्मचारियों को प्रतिमाह 5000 से 8000 रू. का प्रतिमाह नुकसान हो रहा है, उल्लेखनीय है कि उप प्रधानाचार्य की डीपीसी वर्ष 2022-23 दिनांक 20.11.2024 को कर चयन आदेश जारी कर दिये गये हैं। जिसमें उल्लेख किया गया है कि ’’उक्त चयन, कार्मिक विभाग की सन्तान सम्बन्धी अधिसूचना दिनांक 16.03.2023 के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय में दायर डीपीसी याचिका संख्या 13218/2024 व अन्य में पारित निर्णय के अध्यधीन रहेगा।’’ उल्लेखनीय है कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 25.11.2024 को निर्णय प्रसारित किया जा चुका है। तद्नुसार विभाग द्वारा मंत्रालयिक संवर्ग की रिव्यु एवं नियमित डीपीसी में याचिका के अन्तिम परिणाम के अधीन डीपीसी तत्काल करनी चाहिए परन्तु शिक्षा प्रशासन दोहरे मानदण्ड अपना रहा है एवं मंत्रालयिक संवर्ग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को डीपीसी से वंचित रख कर भेद-भाव कर रहा है। अतः मांगे माने जाने तक निदेशालय पर दिनांक 04.11.2024 से शुरू अनिश्चितकालीन धरना अनवरत जारी रहेगा।

प्रदेशाध्यक्ष कमल नारायण आचार्य एवं प्रदेश संस्थापक मदन मोहन व्यास के नेतृत्व में धरने पर जोगेन्द्र सिंह पुनिया प्रशासनिक अधिकारी राजगढ चूरू, जितेन्द्र गहलोत प्रदेश महामंत्री स्वतंत्र महासंघ, विक्रम सिंह राव वरिष्ठ उपाध्यक्ष स्वतंत्र महासंघ राउमावि राशि बाड़मेर आदि बैठे। धरने का समर्थन डाॅ. राजेन्द्र मूण्ड महासचिव पीसीसी, नारायण दास रंगा, राजेश व्यास, महावीर गुर्जर, रामचन्द्र बाल्मिकी, कैलाश ओझा, राजेश पारीक, विष्णुदत पुरोहित, शिवकुमार, किशन कुमार कल्ला, बलवेश चांवरिया, मनीष रंगा, पवन जोशी, कमल नयन सिंह,भगवान वरिष्ठ लिपिक राबाउमावि रायसिंह नगर आदि ने किया।

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