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बीकानेर,साइबर ठगों ने लोगों से ठगी के लिए नया तरीका वॉट्सअप स्टेटस, डीपी लगाने का निकाला है, जिसमें नेताओं और टॉप ब्यूरोक्रेट्स का चेहरा लगाने का चलन बढ़ा है, जिसके चलते कई अधिकारी, कर्मचारी या परिचित इसके शिकार भी हो रहे हैं.प्रदेश में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. साइबर ठग इतने सक्रिय हो गए हैं कि अब नेताओं और ब्यूरोक्रेट्स को भी नहीं छोड़ रहे. उनके नाम से स्टेट्स, डीपी और कॉलिंग के जरिए गिफ्ट कार्ड की डिमांड की जा रही है. अब तक देखा जाए तो एक दर्जन से ज्यादा नेता अफसरों के नाम से पैसे मांगने के मामले सामने आ चुके हैं.

सभी की शिकायतें साइबर थाने में दी गई हैं लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है. गुरूवार को साइबर ठगों ने मुख्यमंत्री के नाम से ही लोगों से पैसों की डिमांड करना शुरू कर दिया, जिसके बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया है और जांच की जा रही है. सीएम की डीपी लगाकर गृह सचिव भानू प्रकाश एटरू और प्रोटोकॉल डीएस नरेज विजय से गिफ्ट कार्ड की डिमांड की गई. बाद में इसकी शिकायत सीएमओ भिजवाई गई.

इन नेताओं, ब्यूरोक्रेट्स के नाम मांगें पैसे
– मुख्य सचिव उषा शर्मा की डीपी यूज की गई
– डीजीपी एमएल लाठर की डीपी दो बार यूज की गई
– सीएम प्रमुख सचिव कुलदीप रांका के नाम से गिफ्ट कार्ड की डिमांड
– विधि प्रमुख सचिव प्रवीर भटनागर, डीओपी प्रमुख सचिव हेमंत गेरा, एसीबी एडीजी दिनेश एमएन वॉट्सअप डीपी यूज की गई
– चिकित्सा प्रमुख सचिव वैभव गालरिया, गृह सचिव भानू प्रकाश एटरू, आईएएस कुमार पाल गौतम के नाम से भी मांगे पैसे
– मंत्री शांति धारीवाल, शकुंतला रावत, शाले मोहम्मद, गोविंदराम मेघवाल का भी चेहरा यूज कर गिफ्ट कार्ड मांगे
– पूर्व आईएएस जेसी मोहंती, पूर्व सीएस डीबी गुप्ता की पुत्रवधू के नाम से भी मांगें पैसे

क्या कहना है ब्यूरोक्रेटस का
मामले में ब्यूरोक्रेटस का कहना है कि हमेशा लोगों को सावचेत रहने की जरूरत है. आमतौर पर कोई सीधे पैसों की डिमांड नहीं करते हैं. उनका कहना है कि सभी नाम यूज करने के दौरान साइबर ठग नाम के आगे श्री यूज कर रहे हैं, जिससे आसानी से भी इनकी पहचान हो सकती है.

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