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बीकानेर,राजस्थान में विगत वित्त वर्ष में आयकर विभाग के छापों की कार्रवाई में रिकॉर्ड ब्लैकमनी का खुलासा हुआ है. एक साल में आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग द्वारा की गई एक दर्जन से ज्यादा ग्रुपों पर छापे की कार्रवाई में तीन हजार करोड़ रुपए की ब्लैकमनी पकड़ी गई है.

आयकर छापों में बड़े पैमाने पर ब्लैकमनी निवेश करने के दस्तावेज मिले हैं. वहीं बड़े पैमाने पर ज्वैलरी भी सीज की गई है.

दो साल कोरोना संक्रमण काल में चुप्पी साधने के बाद आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2022-23 में ब्लैकमनी के खिलाफ हल्लाबोल अभियान शुरु किया है. आयकर इन्वेस्टिगेशन विंग ने राजस्थान में 14 बड़े ग्रुप पर छापे की कार्रवाई की है. आयकर छापे की कार्रवाई राजधानी जयपुर के साथ-साथ जोधपुर, कोटा, टोंक, बीकानेर, उदयपुर, राजसमंद सहित अधिकांश जिलों में की गई. दो साल कोरोना संक्रमण के ब्रेक के बाद आयकर इन्वेस्टिगेशन विंग के छापों में सर्वाधिक तीन हजार करोड़ रुपए की ब्लैक मनी पकड़ी है.

विभाग ने कई ग्रुपों के ठिकानों पर की छापेमारी

आयकर विभाग ने जोधपुर के टेक्सटाइल कारोबारी महारानी ग्रुप के ठिकानों से 700 करोड़ रुपए से ज्यादा की ब्लैकमनी से जुड़े दस्तावेज मिले हैं. राजधानी जयपुर में हरीश जगतानी ग्रुप-मंगलम बिल्डर्स ग्रुप-R-Tech बिल्डर्स ग्रुप और जुगल डेरेवाला ग्रुप पर संयुक्कत रूप से की गई छापे की कार्रवाई में 600 करोड़ रुपए की काली कमाई उजागर हुई है. जयपुर के ही कोटावाला ज्वैलर्स ग्रुप के ठिकानों पर की गई छापे की कारर्वाई में आयकर विभाग के अधिकारियों को 501 करोड़ रुपए से ज्यादा की ब्लैकमनी मिली है. उदयपुर के गीतांजली ग्रुप और जयपुर ज्ञानचंद अग्रवाल ग्रुप पर आयकर छापों में 400 करोड़ वहीं नशे का कारोबार करने वाले मामा ग्रुप कंपनी से जुड़े मालिकों और एसोसिएट्स के ठिकानों से 151 करोड़ रुपए से ज्यादा की ब्लैकमनी सामने आई है.

इन ग्रुपों पर छापेमारी कर बरामद किए करोड़ो

राजस्थान में पांच बड़े ठिकानों से सामने आई काली कमाई के आंकड़ो की बात करें तो हरीश जगतानी-मंगलम बिल्डर्स ग्रुप-R-Tech बिल्डर्स ग्रुप से 600 करोड़ रुपए, महारानी ग्रुप, जोधपुर से 700 करोड़ रुपए, कोटावाला ग्रुप, जयपुर से 501 करोड़ रुपए, गीतांजली ग्रुप, उदयपुर से 400 करोड़ रुपए और मामा गुटखा कंपनी, अलवर से 151 करोड़ रुपए आयकर छापों में बरामद किए है.

बड़े पैमाने पर काली कमाई का खुलासा

आयकर छापों की कार्रवाई में बड़े पैमाने पर काली कमाई का खुलासा हुआ है. वहीं काली कमाई से चलने वाले गोरखधंधों का भी खुलासा सामने आया है. पिछले वित्त वर्ष में की गई छापे की कार्रवाई में आयकर विभाग ने राजस्थान में अलग-अलग ठिकानों से 26 करोड़ रुपए ब्लैकमनी के रूप में नकद जब्त किए हैं. वहीं 38 करोड़ रुपए से ज्यादा की ज्वैलरी आयकर छापों की कार्रवाई के दौरान जब्त की गई है. आयकर छापों में सर्वाधिक नकदी जयपुर के हयात होटल ग्रुप के ठिकानों से चार करोड़ 70 लाख रुपए, कोटावाला ज्वैलर्स ग्रुप के ठिकानों से चार करोड़ बीस लाख, माम गुटखा कंपनी के मालिकों के ठिकानों से 4 करोड़ रुफए बच्चों और महिलाओं के पोषाहार में भ्रष्टाचार करने वाले मंत्री राजेन्द्र यादव उनके सहयोगियों के ठिकानों से तीन करोड़ रुपए तो वहीं बीकानेर के सट्टा कारोबारियों के ठिकानों से ब्लैकमनी के रूप में तीन करोड़ रुपए नकद जब्त किए गए हैं. विगत वित्त वर्ष में आयकर छापे की कार्रवाई में सत्तर किलो से ज्यादा सोने की ज्वैलरी जब्त की गई है, जिसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत 40 करोड़ रुपए से ज्यादा बताई जा रही है.

इन्वेस्टिगेशन विंग ने कोरोना के बाद की ताबड़तोड़ छापे

आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग ने कोरोना काल के बाद की ताबड़तोड़ छापे की कार्रवाई में भारी-भरकम टेक्स चोरी के दस्तावेज मिले हैं. तीन हजार करोड़ रुपए की अघोषित संपत्ति के दस्तावेजों को जब्त करने के बाद इन ग्रुप के संचालकों ने आयकर विभाग के सामने 600 करोड़ रुपए से ज्यादा की ब्लैकमनी खुद ही सरेंडर कर दी है. आयकर इन्वेस्टिगेशन विंग के अधिकारी टेक्स चोरी संबंधी दस्तावेजों के साथ-साथ ब्लैकमनी को निवेश करने वालों के खिलाफ गहनता से जांच की जा रही है. प्रारंभिक जांच में तीन हजार करोड़ रुपए की अघोषित संपत्ति के दस्तावेज जब्त कर इनके कनेक्शन की जांच भी शुरु कर दी है.

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