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बीकानेर,प्रशासन और पुलिस की आधी अधूरी कार्रवाई और खानापूर्ति की मंशा से अपराधियों व गैर कानूनी कार्रवाई करने वालों को प्रोत्साहन मिलता है और पीड़ित पक्ष गुहार करते करते थक कर चुप हो जाता है। जिला प्रशासन ने अतिक्रमण के खिलाफ और पुलिस ने अपराध रोकथाम के खिलाफ अभियान चला रखा है। दोनों काम हुए भी है। बेशक अफसरों की मंशा नेक ही रही होगी। तभी रूटीन से हटकर श्रम कर रहे हैं। पर व्यवस्था में खामियां और निगरानी में चूक से जनता में अच्छा किया कराया भी धूल हो जाता है। इसकी बानगी देखिए… संयुक्त गोचर विकास संरक्षण और विकास समिति ने 15 जून को जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर शरहा नथानिया गोचर में अवैध निर्माण की शिकायत की। कलक्टर के आदेश पर तहसीलदार ने मौके पर जाकर अवैध निर्माण रुकवा दिया। शिकायतकर्ताओं ने इसकी जानकारी मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, संभागीय आयुक्त को भी दी थी। अभी स्तरों पर वाकयादा रेस्पॉन्स आया। तहसीलदार ने काम रुकवाया। दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की नहीं की और न ही निर्मित अतिक्रमण हटाया। तीसरे दिन वापस निर्माण शुरू हो गया। अब कलक्टर ने फिर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। ऐसा ही पुलिस कार्रवाई का नमूना व्यास कालोनी थाने का है। व्यास कालोनी पुलिस ने थाने के ठीक पीछे और आर एस वी स्कूल के पास हुक्का बार में हुक्का के नशे की सारी सामग्री बरामद की। इस फौरी कार्रवाई पुलिस सुर्खिया में रही। पुलिस ने हुक्का बार को सीज नहीं किया। दूसरे दिन वापस चालू हो गया। इंप्रेस यह गया की पुलिस अपराधियों से मिल गई। दोनों मामलों में पुलिस और प्रशासन की नेक मंशा के बावजूद अधूरी कार्रवाई से थू थू हुई है। पुख्ता कार्रवाई नहीं होने से दोनों गलत कामों पर अंकुश नहीं लगा है।

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