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बीकानेर में आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष में आयोजित पूर्वोत्तर राष्ट्रीय नाट्य समारोह को न तो केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने महत्व दिया और न ही जिला कलक्टर और जनता ने कोई तरजीह दी। इससे आजादी के अमृत महोत्सव की उपादेयता पर बीकानेर में प्रश्न चिन्ह लगाने जैसा व्यवहार रहा। इसका परिणाम यह हुआ कि आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष में बीकानेर में आयोजित होने वाले पूर्वोत्तर राष्ट्रीय नाट्य समारोह 2022 बीकानेर में पहले दिन फ्लाप हो गया। पहले दिन नाटक एंटीगन मेनिया की नाट्य कला के विभिन्न अभिव्यक्तियों के साथ शानदार प्रस्तुति हुई परंतु अतिथियों और दर्शकों के नहीं पहुंचने से उद्घाटन कार्यक्रम पूरी तरह रस्म अदायगी रहा। उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय संस्कृति एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और सम्मानित अतिथि जिला कलक्टर भगवती प्रसाद के होल्डिंग में बड़े बड़े अक्षरों में नाम लिखे गए। मंच पर भी उनके अतिथि होने को शानदार बोर्ड लगाए गए। इन अतिथियों ने अनुपस्थित रहकर केवल आजादी के अमृत महोत्सव की ही अनदेखी नहीं, बल्कि राष्ट्रीय नाट्य कला और संस्कृति का भी अपमान किया। केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम अगर राष्ट्रीय नाट्य समारोह के उद्घाटन के मुख्य अतिथि होने की स्वीकृति देकर कार्यक्रम में नहीं आए तो समझा जा सकता है कि वे संस्कृति मंत्री के रूप में कितने संवेदनशील है। यही नहीं यह पूर्वोत्तर राष्ट्रीय नाट्य समारोह जिस उपलक्ष में रखा उसकी अनदेखी करना भी है भारत सरकार के एक मंत्री को शोभा नहीं देता। इससे जनता में यह भी संदेश जाता है कि आजादी के अमृत महोत्सव कि अवधारणा का भारत सरकार के मंत्री कितना सम्मान करते है। जनता ऐसे ही संदेशों से धारणा बनाती है। केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री के मुख्य अतिथि के रूप में नहीं आने से कई गलत संदेश गए हैं। हालांकि बिना अतिथि के पांच दिवसीय राष्ट्रीय समारोह का नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के निदेशक प्रो रमेश चंद, लोकायन के महावीर स्वामी, रंगकर्मी दीन दयाल, निदेशक रबीजिता गोगोई और अन्य लोगों ने दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन कर दिया गया। आयोजन और नाट्य विधा से जुड़े कुछेक लोगों के अलावा दर्शक भी गिनती के ही आए। मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि नहीं आए तो आयोजन का जो हश्र होना था हुआ। नाट्य स्थल रविंद्र मंच कमोबेश खाली रहा। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक प्रो. रमेश चंद्र गौड़ को अपील करनी पड़ी की पांच दिवसीय कार्यक्रम में राष्ट्रीय सांस्कृतिक विरासत को जानने के लिए दर्शकों बुलाने का यत्न किया जाए। उन्होंने मीडिया से अपील कि लोगों को आयोजन का महत्व बताए। मीडिया तो नदारद था ही कलक्टर की अनुपस्थिति में राजस्थान सरकार का जनसंपर्क अधिकारी भी नहीं आए। केंद्र सरकार का घोषित कार्यक्रम राजस्थान सरकार के अधिकारियों का रवैया कुछ वैसा ही रहा। श्रीमान केंद्रीय मंत्री और श्रीमान जिला कलक्टर को आत्म चिंतन करना चाहिए कि उनके रवैए से समाज और देश को कोई क्षति तो नहीं हो रही है। जनता उनको देखती है और अनुसरण करती है। बीकानेर की सांस्कृतिक नगरी की साख तो नहीं गिरी है।

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