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बीकानेर पारीक चोक स्थित भागवत बासा भवन मे नो दिवसीय गुप्त नवरात्र का शुभारंभ बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज और संत मनुजी महाराज के द्वारा”पर्यावरण शुद्धिकरण हितार्थ शुभारंभ हुआ. …जिसमे पहले दिवस गणेश पूजन सोङषोपचार पंचोपचार पूजन के साथ देवपुजन एव कलश पूजन किया गया..तत्पश्चात बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज द्वारा”पर्यावरण संरक्षण संदेश के साथ हवनअनुष्ठान का शुभारंभ मां गायत्री कवच जाप ओर मां इन्द्राक्षी कवच और बीज मंत्र से नित्य 1000 आहुति से हवन किया जा रहा हे…प्रथम दिवस मां शेलपुत्री की पुजा कर बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज ने प्रथम नवरात्र मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री का पूजन, अर्चन और स्तवन किया जाता है। शैल का अर्थ है हिमालय और पर्वतराज हिमालय के यहां जन्म लेने के कारण इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है। पार्वती के रूप में इन्हें भगवान् शंकर की पत्नी के रूप में भी जाना जाता है। वृषभ (बैल) इनका वाहन होने के कारण इन्हें वृषभारूढा के नाम से भी जाना जाता है। इनके दाएं हाथ में त्रिशूल है और बाएं हाथ में इन्होंने कमल धारण किया हुआ है। उपरोक्त जानकारी संस्थान संरक्षक सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य हरिकिशन नागल श्रीकिसन सुथार और पं नितेश आसदेव द्वारा दी गयी…नागल ने बताया कि हवन अनुष्ठान के पश्चात बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज द्वारा”एक लाख पौधावितरण अभियान के अंतर्गत पर्यावरण संवर्धन संरक्षण संदेश के साथ नित्य पोधवितरण भी किया जाता हे….. .संस्थान के नितेश आसदेव हरिकिशन नागल श्रीकिशन मांङण ने बताया कि…पौधवितरण अभियान पौधवितरण सहयोगी संत पदमाराम दुलाराम कुलरिया’ परिवार के उधोगपति भामाशाह कानाराम शंकर धर्म कुलरिया’ओर भंवर नरसी पुनम कुलरिया’ओर भामाशाह नवरत्न कुलदीप धामु,भामाशाह रामलाल श्रवण कुमार आसदेव कॉन्ट्रेक्टर रामप्रताप कुंदनराम लक्ष्मणराम नवरत्न आसदेव उधोग पति नीरज दुर्गेश्वर बंगलोर हरिराम भद्रेचा भामाशाह और राधेश्याम धामु बाणेर उधोग पति रावतमल खेतान भामाशाह कानाराम मामराज गणेशाराम राम मांङण उपनी उधोगपति हीरालाल कुलरिया पुणे हनुमान प्रसाद प्रकाश जोधयासी पुणे उधोग पति मुरली मनोहर हर्षवाल राधेश्याम धामु बाणेर थानमल भाटिया भंवरलाल जगदीश जांगिङ रामचंद्र लद्रेचा रावतमल खेतान तेजाराम मरोठवाल जगदीश जांगिङ मेघाराम मगनीराम उस्तवाल प्रदीप माकङ देवीलाल पङवा जगदीश जेठाराम बेगङ बंगलोर नितेश आसदेव दिव्यांस मोदी शेखर भाटी श्याम जयंत पारीक नितेश आसदेव एवं संस्थान संरक्षिका सीमा पुरोहित आदि के सेवाश्रम ओर सहयोग से पौधवितरण सेवाकार्य अभियान जारी रहेगा..

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