बीकानेर,जाम्भाणी साहित्य ओर गुरु महाराज की वाणी ही वो सशक्त माध्यम है जिससे पूरे विश्व मे सद्भाव, और आपसी बन्धुता बनी रह सकती है और वर्तमान की परिस्थितियों में जाम्भोजी की वाणी ही प्रासंगिक है। आज जनमानस को साहित्य को पढ़ने और गुरू जाम्भोजी के नियमों पर चलने की बेहद आवश्यकता है। ये विचार जाम्भाणी साहित्य अकादमी और गुरु जम्भेश्वर भगवान चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा मंगलवार को अकादमी भवन बीकानेर में आयोजित ‘जाम्भाणी पुस्तक भंडार शुभारंभ’ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आईपीएस देवेंद्र बिश्नोई ने व्यक्त किए। उन्होंने मातृशक्ति से आह्वान किया कि वो परिवार, समाज तथा देश की प्रगति में अपना अहम योगदान दें।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बीकानेर एसडीएम अशोक बिश्नोई ने कहा कि प्रत्येक बिश्नोई परिवार में जाम्भाणी साहित्य की लाइब्रेरी होना आवश्यक है जिससे घर का प्रत्येक व्यक्ति संस्कारवान होगा। उपनिदेशक स्वायत शासन बीकानेर अलका बिश्नोई ने बताया कि जाम्भाणी साहित्य ही वो माध्यम है जिसके द्वारा प्रत्येक नागरिक में मानवता की भावना पैदा की जा सकती है। इसलिए जाम्भाणी साहित्य का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार होना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए श्रीमती सविना बिश्नोई सहायक निदेशक लोक सेवाएं बीकानेर ने बताया कि जाम्भाणी साहित्य अकादमी का गुरु महाराज की शिक्षाओं को आमजन तक पहुंचाने में अहम योगदान रहा है तथा आगे भी इसी प्रकार बना रहे।
अकादमी के प्रेस संयोजक पृथ्वी सिंह बैनीवाल ने बताया कि बीकानेर आने वाले यात्रियों व अन्य साहित्य प्रेमियों को सुलुभ रूप में जाम्भाणी साहित्य उपलब्ध करवाने के लिए धर्मशाला ट्रस्ट ने वहां बुक डिपो शुरू करने का निर्णय लिया है। भविष्य में अन्य जगहों पर भी इसके लिए प्रयास किए जाएंगे।
इससे पूर्व स्वागत भाषण देते हुए जाम्भाणी साहित्य अकादमी अध्यक्ष डॉ बनवारी लाल साहू ने अतिथियों का अभिनंदन प्रकट करते हुए बताया कि हूणची देवी चंदुराम बिश्नोई चेरिटेबल ट्रस्ट हनुमाग़ढ़ टाउन ने हाल ही में ‘साखी भाव प्रकाश’ की एक हजार प्रतियां जिनकी लागत अस्सी हजार रुपए रही, अकादमी को भेंट प्रदान की। इसी तरह अन्य लोग भी सहयोग करे तो साहित्य का प्रचार-प्रसार ओर अधिक हो सकता है।
अकादमी उपाध्यक्ष डॉ कृष्णलाल बिश्नोई, मोहनलाल लोहमरोड व ओमप्रकाश गोदारा ने अपने वक्तव्यों द्वारा अकादमी के साहित्य संचालन सम्बन्धी जानकारी से अवगत करवाया। श्रीमती पाना बिश्नोई द्वारा जम्भेश्वर भगवान की महिमा को भक्तिमय वाणी द्वारा प्रस्तुत किया गया। राजाराम धारणिया ने उपस्थित मेहमानों ओर श्रोताओं का आभार प्रकट किया। तकनीकी संचालन डॉ लालचंद तथा मंच संचालन डॉ हरिराम बिश्नोई द्वारा किया गया। कार्यक्रम में बीरबलराम धारणिया, किशनलाल खीचड़, सोहनलाल ईशरवाल,भगवानाराम जांगू, सुखराम गोदारा, हजारीराम राहड़, शंकरलाल खीचड़, बनवारीलाल बिश्नोई, हंसराज पटवारी, बुधराम सहारन, ओमप्रकाश बोळा सहित समाज के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।