बीकानेर,श्रीमद् आचार्य तुलसी महाप्रज्ञ साधना संस्थान द्वारा धर्मचंद भीखम चंद पुगलिया चैरिटेबल ट्रस्ट के अर्थ सहयोग से सामाजिक कार्यकर्ता एवं श्रद्धा निस्ट श्रावक स्वर्गीय धर्मचंद पुगलिया की स्मृति में आयोजित 17 दिवसीय प्राकृतिक चिकित्सा शिविर का उद्घाटन समारोह तेरापंथ भवन धोलिया नोहरा श्रीडूंगरगढ़ में आयोजित किया गया! साध्वी श्री बसंत प्रभा जी व साध्वी श्री गुप्ति प्रभा जी के मंगल पाठ से प्रारंभ हुए इस समारोह में कस्बे के प्रतिष्ठित व गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही!
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्नबुद्ध चिंतक व साहित्यकार श्याम महर्षि ने कई संदर्भों का उदाहरण देते हुए प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति की उपयोगिता बताई! कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉक्टर चेतन स्वामी ने कथानक व दोहों के माध्यम से प्राकृतिक चिकित्सा की गुणवत्ता व सेवा की महिमा की व्याख्या की, उन्होंने उदारमना भामाशाह शिविर प्रायोजक श्री भीखमचंद जी पुगलिया को साधुवाद देते हुए उनके विशिष्ट व्यक्तित्व के बारे में जानकारी दी !कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि समाजसेवी रेल सेवा संघर्ष समिति श्रीडूंगरगढ़ के अध्यक्ष तोलाराम मारू ने प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को सस्ती सर्वश्रेष्ठ पद्धति बताते हुए लोगों को इसे अपनाने की प्रेरणा दी व श्री भीखमचंद जी पुगलिया को इस तरह के सेवा कार्य में सहयोगी बनने के लिए उनका आभार व्यक्त किया! इस चिकित्सा शिविर में सेवाएं देने वाले डॉक्टर राधेश्याम पारीक ने प्राकृतिक चिकित्सा की विस्तृत व सारगर्भित जानकारी देते हुए इसके दीर्घकालीन फायदों के बारे में बताया व परिषद से अपील की कि इस शिविर का अधिकाधिक फायदा उठावें! कार्यक्रम में उद्घाटनकर्ता माणकचंद पुगलिया, श्रद्धानिष्ठ श्रावक धनराज पुगलिया, साहित्यकार सत्य दीप भोजक, अणुव्रत समिति उपाध्यक्ष सत्यनारायण स्वामी, तेरापंथ महिला मंडल उपाध्यक्ष श्रीमती मधु देवी झाबक ने अपने विचारों की प्रस्तुति दी! तेरापंथ भवन धोलिया नोहरा के प्रबंधक श्री तोलाराम जी पुगलिया ने विशिष्ट जनों,सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारियों व मीडिया से जुड़े समस्त पत्रकारों का आभार प्रकट करते हुए इस शिविर का अधिकाधिक लाभ उठाने का निवेदन किया! मंचस्थ अतिथियों का साहित्य व शाल द्वारा सम्मान किया गया! मानवीय सेवा को समर्पित इस गरिमापूर्ण कार्यक्रम का संचालन के एल जैन द्वारा बहुत ही सुन्दर ढंग से किया गया