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बीकानेर,भीषण गर्मी में नहरबंदी के कारण शहर में पेयजल संकट गहराने के साथी टैंकर माफिया सक्रिय हो गये है। पेयजल संकट के दौर में सिस्टम की नाकामी से सक्रिय हुए टैंकर माफिया लोगों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए जमकर चांदी कूटने में लगे हैं। सुबह से लेकर रात तक सडक़ों पर पानी के टैंकर धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं और कृषि कुंओं का पानी बिना गुणवत्ता जांच ही घरों में सप्लाई कर रहे हैं । बीकानेर में टैंकर माफियओं की सक्रियता का यह आलम पहली बार नहीं है । गर्मी के हर सीजन जलदाय विभाग की पेयजल व्यवस्था बिगडऩे का दौर शुरू होते ही टैंकर माफिया मनमानी रेट वसूली के जरिये मोटी कमाई में जुट जाते है। इस मामले की पड़ताल में सामने आया है कि नहरबंदी के शुरूआती चरण में बीकानेर के दर्जनों रिहायशी इलाकों और नयी बसी कॉलोनिया में पेयजल संकट गहराया हुआ है । जहां पानी की आपूर्ति के लिये जलदाय विभाग की ओर से अभी तक कोई वैकल्पिक बंदोबश्त नहीं किये गये है। इन इलाकों के लोग पानी के लिये टैंकरों पर ही निर्भर है। इन इलाकों में पानी सप्लाई के लिये माफियाओं के 300 से ज्यादा पानी के टैँकर चल रहे हैं। इनके माध्यम से शहर में रोजाना 15 से 20 लाख लीटर पानी सप्लाई किया जा रहा है । हालांकि बीते सप्ताह तक एक टैंकर पानी सप्लाई के तीन सौ रूपये वसूले जा रहे थे,लेकिन ताजा दौर में पेयजल संकट गहराने के बाद टैंकर माफियाओं ने रेट दुगुनी कर दी है। एक टैंकर पानी सप्लाई की रेट छह सौ रूपये वसूली जा रही है,वहीं दूर दराज की कॉलोनियों में पानी सप्लाई के लिये आठ सौ रूपये तक वसूले जा रहे है। यह माफिया शहर की जयपुर रोड़,गजनेर रोड़,नोखा रोड़ समेत नजदीकी गांवों में लगे कृषि ट्यूबवेलों से पानी भरकर शहर में सप्लाई कर रहे है।

मंत्री और कलक्टर के आदेश भी बेअसर
नहरबंदी के दौर में पेयजल संकट के हालातों से निपटने के लिये शिक्षामंंंत्री डॉ.बीडी कल्ला और जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल जलदाय विभाग के अभियंताओं को पुख्ता बंदोबश्तों के निर्देश दे चुके है। मंत्री डॉ.कल्ला और जिला कलक्टर नहरबंदी शुरू होने से पहले ही जलदाय विभाग के अभियंताओं को आगाह कर दिया था कि नहरबंदी के दौर में पेयजल को लेकर आमजन को किसी भी तरह की परेशानी ना हो, जिले के समस्त पर जल भंडारण स्त्रोत भर लिए जाएं तथा उपलब्धता के आधार पर अंतिम छोर तक बैठे व्यक्ति को पेयजल उपलब्ध करवाया जाए । इसके बावजूद जलदाय विभाग के अभियंता बीकानेर में उपजे पेयजल संकट के हालातों को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहे है। जलदाय विभाग अभियंताओं की नाकामी का आलम यह है कि शहर के कई इलाकों में पुरानी पेयजल लाईनों में रिसवा और जल स्टेण्डों पर हर रोज हजारों गैलन पानी की बर्बादी रोकथाम के लिये गंभीरता नहीं दिखा रहे है।

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