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बीकानेर, रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में बुधवार को साध्वीश्री मृगावती, सुरप्रिया व नित्योदया के सान्निध्य में बुधवार को भक्तामर स्तोत्र की 19-20 वीं गाथा का अभिषेक व पूजन मंत्रोच्चारण के साथ किया गया। शुक्रवार को सुबह साढ़े पांच बजे से नौ बजे तक गुरु इकतीसा का 108 सामूहिक पाठ जाप व उसके बाद भक्तामर पूजन व अभिषेक होगा। बुधवार को पूजा का लाभ राजमल, महावीर मल, प्रियंक,मंजू, कंचन देवी कोठारी, त्रिलोकचंद गुलगुलिया परिवार ने लिया।
साध्वीश्री मृगावती व सुरप्रियाश्री ने गाथा का वाचन विवेचन करते हुए कहा कि ज्ञान व राग के बीच साधक विवेक रखकर सर्वज्ञ वीतराग परमात्मा की साधना,-आराधना और भक्ति करें। सर्वज्ञ परमात्म भक्त, पंच परमेष्ठी को ही सर्वोपरि मानता है। परमात्मा चैतन्य है, धु्रव चिदानंद, आत्मज्ञान, आनंदादि अनंत गुणों की खान है। परमात्मा ही चिंतामणि, कल्पवृक्ष, कामधेनू, सिद्धरस, महामंत्र आदि सब कुछ है।
सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के अध्यक्ष रतन लाल नाहटा, पूनमचंद नाहटा, कंवल लाल खजांची, भीखमचंद बरड़िया, कुशल दुगड़ व श्रीमती किरण खजांची ने रायपुर की सुश्री मोक्षा व तुलसी डाकलिया का अभिनंदन किया। वहीं सास-बहू वंदन कार्यक्रम में अव्वल रही सास मूलाबाई दुग्गड़ सहित 10 सास-बहुओं को वरिष्ठ श्राविका पुष्पा बोथरा ने सम्मानित किया।
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